जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नही वह हृदय नहीं है, पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ।” विश्व में ऐसा तो कोई अभागा ही होगा जिसे अपने देश से प्यार न हो । मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी भी अपने देश या घर से अधिक समय तक दूर नहीं रह पाते […]
स्वदेश प्रेम । Patriotism in Hindi Language
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“A Good Company” in Hindi Language
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सत्संगति | Article on “A Good Company” in Hindi Language! प्रस्तावना: मानव एक सामाजिक प्राणी है । एक दूसरे के सम्पर्क में आना मानव का स्वाभाविक गुण है । यह समाज गुण व अवगुणो से भरा पड़ा है । इसलिए गुणग्राही व्यक्ति सदैव गुणवानो की संगति करता है । दुर्जन व्यक्ति दुर्गुणो को ग्रहण करता […]