मासूम, कोमल बच्चे हँसते-खेलते हुए ही अच्छे लगते हैं । जीवन की प्रत्येक चिन्ता से मुक्त मुस्कराता हुआ बचपन जीवन की अनमोल धरोहर बनकर जीवनपर्यन्त समृति में रहता है । न जीवनयापन का बोझ, न ही कर्तव्य-पालन की चिन्ता, केवल हँसना-खेलना और जीवन जीने की कला को सीखने का प्रयास करना, यही होता है बचपना […]