मनुष्य के लिए विधार्थी जीवन बहुत महत्त्वपूर्ण होता है । बाल्य-काल से ही मनुष्य का विद्यार्थी-जीवन आरम्भ हो जा है । मनुष्य का बाल्य-काल कोमल पौधे के समान होता है, समुचित देखभाल और मार्ग दर्शन की आवश्यकता होती पहले माता-पिता अपनी सन्तानों को बाल्य-काल में ही गुरुकुल अथवा आश्रम भेज दिया करते थे । वहाँ […]