परमेश्वर ने मनुष्य को प्रतिभा से समन्वित जीव बनाया है, ताकि वह रबयै को अन्य जीवों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में रख सके । मानव भी ईश्वर की अपेक्षा पर खरा उतरा है एवं उसने प्राकृतिक कष्टों को तो दूर किया ही है साथ ही अपनी सभ्यता और संस्कृति को भी विकास के लिए आयाम […]