वर्तमान में मैं एक पुस्तक हूं । मुझे पाकर मानो मानव ने एक अमर निधि प्राप्त कर ली है । मैं उसे सदा ज्ञान-विचारों का दान देती रहती हूं । मुझे आज ज्ञान-विज्ञान और समझदारी का, आनन्द और मनोरंजन का खजाना माना जाता है परन्तु आदर-मान की यह स्थिति मुझे एकाएक या सरलता से नहीं […]