Read this article to learn about various parts of the human brain in Hindi language.
सेरेब्रम:
यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का सबसे ऊपर स्थित भाग है जो दो अर्ध भागों (Hemisphere) से मिलकर बना होता है । कई ग्रुप जिन्हें सल्काई (Sulci) तथा कन्वूलेसन जिन्हें गाइराई (Gyri) कहते हैं मस्तिष्क की सतह पर स्थित होते हैं ।
सल्काई व गहराई की स्थिति भिन्न व्यक्तियों में फर्क हो सकती है फिर भी उनमें एक समानता रहती है तथा उन्हें भिन्न लोबों जैसे फ्रन्टल या अग्र, पेराइटल, आक्सीपिटल, टेम्पोरल और इन्सुलर में बांटा जा सकता है । प्रत्येक सेरेव्रल अर्ध भाग में बाहर की ओर ग्रेमैटर या धूसर द्रव्य तथा अन्दर की तरफ व्हाइट मैटर या श्वेत द्रव्य स्थित होता है ।
ADVERTISEMENTS:
बेसल गैंगलिया:
सेरेव्रल कार्टेक्स की गहरी परतों में तंत्रिका कोशिकाओं के समूह मिलकर सेरेब्रल न्यूक्लियी (Cerebral Nuclei) या वेसल गैंगलिया बनाते हैं । इनमें से प्रमुख कोडेट न्यूक्लियस (Caudate Nucleus) पुटामेन (Putamen) और ग्लावेस पैलिडस (चित्र 3.77) ।
पैलीडम और पुटामिन को एक साथ लेंटीकुलर न्यूक्लियस कहते हैं, जबकि लेंटीकुलर न्यूक्लियस, काडेट व इन्टरनल कैप्सूल मिलकर कार्पस स्ट्रायटम (Corpus Straitum) कहलाते हैं ।
डायन किफेलान:
ADVERTISEMENTS:
मिडब्रेन व सेरेब्रल कार्टेक्स के मध्य का भाग डायन किफेलान कहलाता है । इसके अन्तर्गत थेलेमस (Thalamus) और हाइपोथेलमस (Hypothamus) आते हैं । तृतीय वेन्ट्रिकल के आसपास स्थित कुछ अन्य रचनायें भी डायनकिफेलान के अन्तर्गत आती हैं ।
थेलेमस:
दोनों थेलेमस (दांया व बांया) तृतीय वेन्ट्रिकल के बाहर स्थित होते हैं । प्रत्येक थेलेमस में कई केन्द्रक पाये जाते हैं, जो समूह में स्थित होते हैं । प्रत्येक थेलेमस में कई केन्द्रक पाये जाते हैं, जो समूह में स्थित होते है तथा इन्हें एण्टीरियार, लैट्रल, इन्ट्रालैमिनर, मिडलाइन, व पोस्टीरियर ग्रुपों में बांटा जा सकता है ।
ADVERTISEMENTS:
थेलेमस को अफरेन्ट कई भागों जैसे स्पानलकार्ड, सेरेवेलम, मेडुला, वेसलगैंगलिया, तथा सेरेब्रम से भी पहुँचते हैं । इसके बदले में थेलेमस से एक्जान सेरेब्रेम के भिन्न भागों को जाते हैं । अत: यह एक बड़े संवेदनीय प्रसारण केन्द्र की तरह कार्य करता है । थेलेमस, इसके अतिरिक्त कुछ अति महत्वपूर्ण तरंगें असेंडिंग रेटीकुलर फारमेसन से प्राप्त करता है जिसे यह सेरेब्रल कार्टेक्स के बड़े भाग को भेजता है तथा वहां से सूचना प्राप्त करता है । इन रेटीकुलों थेलेमस कार्टिकल और कार्टिको थेलेमिक केनेक्शनों द्वारा सेन्सरी इनपुट व एलर्टनेस की स्थिति परिवर्तित की जा सकती है ।
हाइपोथेलेमस:
यह थेलेमस के नीचे स्थित होता है तथा तृतीय वेन्ट्रिकिल की फ्तोर व अगली दीवार बनाता है (चित्र 3.78) ।
इनमें पाये जाने वाले प्रमुख केन्द्रक:
सुप्राआप्टिक:
यह आप्टिक कियेज्मा (Optic Chiasma) में ठीक ऊपर स्थित होते हैं ।
प्रीआप्टिक (Preoptic):
सुप्रा आप्टिक के ऊपर स्थित है । हाइपोथेलेमस का मध्य भाग में पिटयूटरी ग्रंथि का स्टाक तथा पिछले भाग में दो मैमलरी बाडीस्थित होती है । मध्य केन्द्रक (Medial nuclei – Ventromedial, dorsomedial, Arcuate, lateral, Posterior) भिन्न अफरेन्ट व इफरेन्ट तंतुओं द्वारा हाइपोथेलेमस लिम्बिक तंत्र (Limbic System), कार्टेक्स और अन्य मिडब्रेन के भागों से जुड़ा होता है ।
हाइपोथालमिक हाइपोफीसियल ट्रैक्ट सुप्राआप्टिक और पैरावेन्ट्रिकुलर केन्द्रकों से निकलकर पिट्यूटरी के पोस्टिरियर लोब में जाता है ।
कार्य:
यह बहुत से अति महत्वपूर्ण कार्य करता है तथा शरीर का आन्तरिक वायुमंडल बनाये रखता है ।
कुछ प्रमुख कार्यो में:
1. एण्टीरियर व पोस्टीरियर, पिट्यूटरी के हारमोनों का नियंत्रण
2. रक्त संचार तंत्र का नियंत्रण
3. भोजन ग्रहण करने, भूख, प्यास व शरीर के वजन पर नियंत्रण
4. शरीर के तापमान का नियंत्रण
5. शारीरिक संवेदान पर नियंत्रण
6. जागृति अवस्था बनाये रखना
सार के तौर पर हाइपोथेलेमस आटोनामिक तंत्र के कई कार्यो पर नियंत्रण कर केन्द्रीय आटोनामिक तंत्रिका तंत्र की तरह कार्य करता है ।
मिडब्रेन:
सेरेब्रम की निचली सतह के नीचे तथा पान्स के बीच स्थित भाग को मिडब्रेन कहते हैं । यह एक्वाडक्ट (Aqueduct) के आस-पास स्थित कुछ तंत्रिका तंतु व कोशिकाओं से मिलकर बना होता है । इसकी वेंद्रल साइड सेरेब्रल पुडन्किलों से तथा डार्सल साइड कोर्पोरा क्वाड्री जेमाइना (Corpora Quadri Gemina) से जिसमें एक जोड़ी सुपीरियर तथा एक जोड़ी इन्फीरियर कालीकुलाई (Colleculi) होते हैं ।
सेरेब्रल पुडन्किल सेरेब्रम से बेनस्टेम को जोड़ने वाली तंत्रिकाओं से बने होते हैं । निचला कालीकुलस में श्रवण न्यूरान तथा ऊपरी कालीकुलस में विजुयेल रिफलेक्स के न्यूरान पाये जाते है । इसका अन्य मुख्य भाग रेड न्यूक्लियस है, जो ऊपरी कालीकुलस के नीचे स्थित होता है ।
सेरेब्रम व सेरेवेलम के तंत्रिका तंतु यहां समाप्त होते हैं तथा यहां से तंत्रिकायें स्पाइनल कार्ड के रूव्रोस्पाइनल ट्रैक्ट द्वारा जाते हैं । यह सेरेब्रम व ब्रेनस्टेम के बीच संबंध स्थापित करने के अलावा यह प्यूपिलरी रिफलेक्स एवं आंखों के मूवमेंट के लिए केन्द्र का कार्य करता है क्योंकि तृतीय, चतुर्थ एवं पांचवी क्रेनियल नर्व के न्यूक्लिआई भी यहीं स्थित होते हैं ।
सेरेबेलम:
सेरेब्रेम के बाद मस्तिष्क का एक बड़ा भाग जो पीछे स्थित होता है सेरेबेलम (Cerebellum) कहलाता है । सेरेबेलम में दो लैट्रल मास सेरेबेलर हैमिसफेयर तथा मध्य का भाग वर्गिस होता है । सेरेवेलर कार्टेक्स के न्यूरान सेरेबेलम के अन्दर उपस्थित न्यूरानों के डेन्ड्राइट व सेलबाडी से जुड़ते हैं । कई छोटे व बड़े ट्रैक्ट होते हैं, जो संवेगों को सेरेबेलम केन्द्रकों से मस्तिष्क के अन्य भागों में पहुचाते हैं ।
ट्रैक्ट सेरेबेलम में तीन पुडन्किलों से जाते या निकलते हैं:
1. इन्फीरियर (रेस्टीफार्म बाडी) में मुख्य रूप से मेडुला व स्पाइनल कार्ड के ट्रैक्ट होते हैं जैसे पाइनोसेरेबेलर, वेस्टीबुलोसेरेबेलर तथा रेटीकुलोसेरेबेलर ट्रैक्ट ।
2. मध्य (व्रेकिया पान्टिस) केवल पान्स के ट्रैक्टों से बना होता है ।
3. ऊपरी (व्रेकिया कन्जन्क्टाइवम सेरेबेलाई) मिडब्रेन से थेलेमस को जोड़ता है ।
डेन्टेट न्यूक्लियस एक जोड़ी सेरेवेलम में स्थित केन्द्रक है जो सेरेब्रल कार्टेक्स के मोटर भागों से जुड़े होते हैं । इन ट्रैक्टों के माध्यम से सेरेबेलम मोटर कार्टेक्स को प्रभावित करता है तथा बदले में मोटर कार्टेक्स सेरेबेलम पर प्रभाव डालता है ।
सेरेबेलम के कार्य:
1. शारीरिक स्थिति (Posture) एवं संतुलन (Equilibrium) बनाये रखना ।
2. गति (मूवमेन्ट) में संतुलन स्थापित करना ।
3. चालक क्रिया को एकरस करना (Smoothening of Motor Activity) सेरेबेलम में स्थिति लीजन व घाव शरीर की स्थिति व गति में विशेष परिवर्तन लाते हैं, जैसे:
एटोनिया: ढीली ढ़ाली पेशियां,
असामान्य शारीरिक स्थिति, निस्टेगमस,
एटैक्सिया: असन्तुलित चाल, ट्रेमर-मुख्य रूप से गति के समय ।
पान्स एवं मेडुला:
पान्स (चित्र 3.75) मुख्य संचार केन्द्र है जहां से बहुत से असेडिंग व डिसेडिंग दैक्ट गुजरते हैं तथा यह हाइन्हब्रेन को उच्च मस्तिष्क केन्द्रों से जोड़ता है । यह स्पानल कार्ड तथा अन्य तंत्रिकाओं से आने वाले सवेगों के लिए रिले स्टेशन (प्रसारण केन्द्र) का कार्य करता है । यह मेडुला में स्थित श्वसन केन्द्र से भी संबंधित होता है, तथा कुछ हद तक मेडुलरी रेटीकुलर फारमेसन से भी संबंधित होता है ।
मेडुला मस्तिष्क का सबसे नीचे वाला भाग होता है जिसमें हृदय गति, श्वसन व वैसकुलर टोन निर्धारित करने वाले वाइटल सेन्टर स्थित होते हैं । इस भाग का कोई-नुकसान जानलेवा हो सकता है । कई असेडिंग व डिसेडिंग ट्रैक्ट यहां से गुजरते हैं तथा रेटीकुलर फारमेशन को कोलैट्रल भेजते हैं । रेटीकुलर फारमेसन में वे न्यूरान होते हैं जो सोने तथा जगने की क्रिया में भाग लेते हैं ।
स्पाइनलकार्ड केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का वह भाग है जो वर्टिव्रल कैनाल में स्थित होता है । वह फोरामेन मेग्नम से शुरू होकर, जहां के निचले भाग तक होती है । इसका निचला सिरा कोन की तरह का भग “कानस मडुलारस” बनाता है (चित्र 3.79) । जहां से एक पतला फाइब्रस टर्मिनल निकलकर प्रथम काक्सीजियल वर्टिब्रा की बाडी के पिछले भाग से जुड़ जाता है । अत: दूसरी लम्बर वर्टिब्रा के नीचे सुई डालकर सेरेब्रो स्पाइनल द्रव्य बिना स्पाइनल कार्ड को हानि पहुंचाये निकाला जा सकता है ।
31 जोड़ी तंत्रिकायें स्पाइनल कार्ड से निकलती हैं जिन्हें उनके निकलने के स्थान के अनुसार नाम दिये जाते हैं ।
सर्वाइकल – 8
थेरेसिक – 12
लम्वर – 5
सेक्रल – 5
काक्सीजियल – 1
प्रत्येक नर्व दो रूट से निकलते हैं: पिछला या डार्सल तथा अगला या वेन्ट्रल रूट । एण्टीरियर रूट । में इफरेन्ट या मोटर फाइवर तथा कुछ अफरेन्ट आटोनामिक नर्वस सिस्टम के तन्तु पाये जाते हैं । डार्सल रूट में सेंसरी फाइबर स्पाइनल कार्ड को जाते हैं । स्पाइनल कार्ड के ठीक बाहर प्रत्येक डार्सल रूट में डार्सल रूट गैंगालिया पाया जाता है ।
जिसमें उन न्यूरोनों की सेलबाडी स्थित होती है जिनसे सेन्सरी तंतु निकलते हैं (चित्र 3.81) । डार्सल रूट गैंगलिया का प्रत्येक सेल से एक अकेला तंतु निकलता है जो परिधीय तथा केन्द्रीय शाखाओं में बंट जाता है । परिधीय ब्रांच सेंसरी सूचना लाती है तथा केन्द्रीय ब्रांच उसे स्पाइनलकार्ड को पहुंचाती है ।
स्पाइनल कार्ड की आन्तरिक रचना श्वेत मैटर (Nerve Tract) व ग्रेमैटर (Nerves cells) तथा ग्लायल टिश्यू से बना होता है (चित्र 3.80) । स्पाइनल कार्ड में ग्रेमैटर केन्द्र में स्थित होता है, तथा अन्दर (H) के आकार में व्यवस्थित होता है जो मोटर फाइबर बनाते हैं । पोस्टीरियर हार्न में तंत्रिका कोशिकायें ओ के एक्जान स्थित होते हैं जो मोटर फाइबर बनाते हैं ।
पोस्टीरियर हार्वे में तन्त्रिका कोशिकायें कनेक्टर प्रकार की होती हैं तथा पोस्टीरियर रूट फाइवर इनसे सन्धि (Synapse) बनाते हैं । ग्रेमैटर का केन्द्रीयलिम्ब ग्रेकम्मीस्योर (Grey commisure) कहलाता है । ग्रे कम्मीस्योर के केन्द्र में सेन्ट्रल कैनाल होती है जो ऊपर चतुर्थ वेन्ट्रीकिल से जुड़ी होती है ।
श्वेत मैटर:
स्पाइनल कार्ड में यह मध्य में स्थित ग्रेमैटर के चारों और स्थित रहता है तथा प्रत्येक तरफ तीन कालम बनाता है । अगला, पिछला तथा बगल का । श्वेत मैटर में कई असेंडिंग, डिसेंडिंग और इन्टर सेगमेन्टल तंतु पाये जाते हैं ।
असेन्टिंग तंतु सेन्सरी तरंगों को मस्तिष्क में पहुचाते हैं तथा डिसेंडिंग तंतु मोटर तरंगों को मस्तिष्क से एण्टीरियर हार्न न्यूरान जिसे लोअर मोटर न्यूरान भी कहते हे व इन्टर सगमन्टल द्वारा तरंगों को स्पाइनल कार्ड के एक सेगमेन्ट से दूसरे में पहुंचाया जाता है ।
स्पाइनल कार्ड में सेन्सरी तथा मोटर तंतु भिन्न टैक्टों के रूप में स्थित होते हैं तथा उनके नाम उत्पत्ति के पहुंचने के स्थान पर निर्भर करता है जेसे स्पाइनो थैलमिक ट्रेक्ट, स्पाइनल कार्ड से थेलेमस व कार्टिकोस्पाइनल ट्रैक्ट कार्टेक्स से स्पाइनल कार्ड को जाते हैं ।