Read this article to learn about functions of the human heart in Hindi language.
हृदय एवं रक्त संचार:
हृदय एक मस्कुलर पम्प है जो चार कोष्ठों, दो दायें एवं दो बांये से मिलकर बना होता है तथा दोनो तरफ के कोष्ठों में सीधा सम्पर्क नहीं होता है । शरीर से रक्त सुपीरियर एवं इनफीरियर वीनाकेवा (महाशिरा) द्वारा वापस लाया जाता है जो पतली दीवार वाले कोष्ठ दायें में खुलती हैं ।
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दायां आट्रियम इस रक्त को ट्राइकस्पिड वाल्व द्वारा दायें वेन्ट्रिकिल में पम्प करता है व दायां वेन्ट्रिकिल इसे पल्मोनरी धमनी द्वारा फेफडों में भेजता है । फेफड़ों में स्थित कैपिलरियों में रक्त आक्सीजन लेता व कार्बनडाइ आक्साइड छोड़ता है । इस प्रकार आक्सीजनयुक्त रक्त पल्मोनरी शिराओं द्वारा बायें आट्रियम में पहुंचता है ।
बायां आट्रियम माइट्रल बाल्व के द्वारा इसे बांये वेन्ट्रिकिल में पम्प करता है तथा बायां वेन्ट्रिकिल इस रक्त को एओरटा या महाधमनी में पम्प करता है जहां से यह सारे शरीर में संचरित होता है । ये घटनायें साथ-साथ होती हैं ।
अत: हृदय के दायें व बायें भाग एक साथ संकुचित होते है । रक्त संचार तन्त्र शारीरिक एवं पल्मोनरी संचार तन्त्र दो भाग में बांटा जा सकता है । शारीरिक रक्त संचार तन्त्र में रक्त पम्प करने के लिए अधिक दाब की आवश्यकता होती है । अत: हृदय के बायें कोष्ठों की मोटाई अधिक होती है ।
हृदय की नर्व सप्लाई:
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हृदय वेगस व सिम्पैथेटिक तन्त्रिका तन्त्र की शाखाओं द्वारा नियन्त्रित होता है ।
हृदय के कार्य:
इसका कार्य शरीर के सभी भागों को उनकी आवश्यकतानुसार रक्त भेजना है । धमनियों का रक्त, आक्सीजन, ग्लूकोज तथा अन्य खाद्य पदार्थो को कोशिकाओं तक ले जाता है । शिराओं का रक्त वेस्ट प्रोडक्ट्स जैसे कार्बन डाइआक्साइड व लैक्टिक एसिड आदि को कोशिकाओं से दूर ले जाता है ।
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जीवन के लिए आवश्यक अंगों जैसे मस्तिष्क व गुर्दों का रक्त संचार धमनियों के उच्चदाब की वजह से सभी परिस्थितियों में जारी रखा जाता है । कसरत के समय पेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जिससे ज्यादा आक्सीजन व खाद्य पदार्थ उन तक पहुंचते हैं व उपापचय के फलस्वरूप उत्पन्न वेस्टप्रोडक्ट दूर ले जाये जाते हैं ।