Read this article to learn about the various effects of radiology in Hindi language.
विकिरण का सामान्य कोशिकाओं पर तुरंत तथा कुछ समय याद पड़ने वाले प्रभाव:
विकिरण का कोशिकाओं पर प्रभाव सीधे पढ़ने वाला सेलुलर प्रभाव व बैसकुलर स्ट्रोमल कोशिकाओं के प्रभाव का योग होता है । कोशिकायें जो बंट न रही हों, जैसे न्यूरानों में प्रभाव मुख्य रूप से वैसकुलर होता है । जबकि तेजी से बंट रही को शिकाओं पर यह प्रभाव सेलुलर (पैरेनकाइमा) व बेसकुलर दोनों पर बहुत अधिक होता है । जैसे हीमोपोयटिक तंत्र, पाचन तंत्र, त्वचा व अण्डकोष की कोशिकायें ।
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त्वचा की रियेक्शन:
इस क्रिया में प्राय: दस दिन का समय लगता है जो प्राय: (इरीदमा) त्वचा के लाल होने से शुरू होकर, मोयस्ट डिस्कोमेशन 4500-6000 रेड विकिरण से 5-6 हफ्तों के अन्दर हो जाता है । इसमें ऊपरी इपीडर्मिस झड़ जाती है, छूने पर दर्द होता है तथा रक्त स्राव हो सकता है । बाद में नेक्रोसिस व अल्सर का निर्माण भी हो सकता है । जो बहुत दर्द युक्त होते हैं ।
रियेक्शन होने पर:
a) गर्म या ठण्डी चीजें न लगायें ।
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b) विकिरण दिये गये भाग को खरोंचें नहीं, रियेक्शन धीरे-धीरे कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है ।
उपचार:
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कम से कम छेड़ना ही सर्वोत्तम उपचार है । 0.75 प्रतिशत जेन्शन वायलेट पेन्ट का प्रयोग किया जा सकता है । बालयुक्त भागों के विकिरण देने के लगभग तीन हफ्तों बाद बाल गिर जाते हैं, जिसे एलोपीशिया कहते हैं । जो पूरी तरह लगभग तीन महीने में उग जाते हैं ।
देर से होने वाली रियेक्शन:
ये प्राय: विकिरण देने के महीनों या वर्षो (प्राय: पहले दो वर्ष) के बाद होती है ।
म्यूटजेनिक (जेनेटिक) प्रभाव:
विकिरण का प्रभाव कोशिका पर कुछ इस प्रकार पड़ सकता है जिससे कोशिका की मृत्यु नहीं होती है पर यह प्रभाव बाद की पीढ़ियों में प्रकट होते हैं । म्यूटेशन के लिए कोई डोज निर्धारित नहीं है ।
कार्सिनोजेनेसिस:
विकिरण एक्सपोजर व कैंसर में सीधा, संबंध देखा गया है । इसकी महत्ता विकिरण क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए बहुत बढ़ जाती है । वर्तमान समाज में ए॰एल॰ए॰आर॰ए॰ (A.L.A.R.A.) या जितना कम से कम हो सके विकिरण मिलना चाहिए । कैंसर व सामान्य कोशिकाओं को विकिरण देने पर दोनों को हानि पहुंचती है पर सामान्य कोशिकायें तो अपनी टूट-फूट की मरम्मत कर लेती हैं जबकि कैंसर कोशिकायें ऐसा नहीं कर पाती हैं ।
कैंसर का फैलाव (स्प्रेड):
स्थानीय (लोकल) ।
लिम्फ ग्रन्थियों व नलिकाओं द्वारा ।
रक्त संचार द्वारा ।
केविटी स्प्रेड ।