डाकिया । Article on Postman in Hindi Language!
डाकिया एक महत्वपूर्ण जनसेवक है । वह देश के प्रत्येक भाग में कार्य करता है चाहे वह, नगर हो अथवा कोई गांव । डाकिया घर-घर जाकर पत्र, पार्सल, मनीआर्डर और उपहार वितरित करता है । उन्हें पहुँचाता है और बाँटता है ।
हम सभी डाकिये को पहचानते हैं । पहले वह सिर पर पगड़ी भी बांधा करता था । उसके कंधे पर खाकी रंग का थैला होता था एवं हाथ में उन पत्रों का पुलिंदा जो उसने बांटने होते थे । आजकल का डाकिया परम्परागत् पगड़ी नहीं पहनता । वह देखने में एक सीधा-सादा एवं विनम्र व्यक्ति लगता है ।
हर जगह उसका स्वागत होता है चाहे वह अमीर का घर हो अथवा किसी गरीब का झोपड़ा । डाकिये का काम वास्तव में बहुत कठिन है । वर्षा का मौसम हो चाहे गर्मी का अथवा सर्दी का मौसम उसे पत्र बांटने के लिए एक मुहल्ले से दूसरे मुहल्ले और एक घर से दूसरे घर जाना पड़ता है ।
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कई बार तो उसे आधी रात को भी तार (टेलिग्राम) पहुँचाने के लिये जाना पड़ता है । डाकिये को बहुत से गाँवों में भी जाना होता है जहाँ उसे बहुत से कठिन क्षेत्रों को पार करना पड़ता है । डाकियों को रेगिस्तान, जंगल एवं कई खतरनाक स्थानों से गुजरना पड़ता है ।
बताया जाता है कई बार डाकियों को सांप के काटने से अथवा जंगल में शेर-चीतों एवं अन्य खतरनाक जानवरों के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा । इतना उत्तरदायित्चपूर्ण काम होने के पश्चात भी उसे बहुत कम वेतन मिलता है । उसके वेतन एवं भत्ते बहुत कम होते हैं एवं छुट्टियाँ बहुत ही गिनी-चुनी ।
जब अन्य व्यक्ति अपनी छुट्टियों का आनन्द उठा रहे होते हैं तो उसे लोगों को पत्र बांटने में व्यस्त रहना पड़ता है । त्यौहारों के दिनों में उसके काम और बढ़ जाता है । कई बार लोग उसे सहानुभूति के कारण कुछ पैसे एवं उपहार देते हैं । वास्तव में एक डाकिये का जीवन बहुत कठिन है ।
एक व्यक्ति को डाकिया बनने के लिये विशेष प्रतिभा अथवा कुछ गुणों का होना आवश्यक है । एक स्वस्थ और विनम्र व्यक्ति ही डाकिये की जिम्मेवारियों का वहन कर सकता है । डाकिये की पहचान है उसके होठों पर सदैव रहने वाली मुस्कान । किन्तु इतना दायित्व पूर्ण कार्य होने के पश्चात् भी उसका भविष्य अंधकारमय एवं धुंधला होता है ।
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उसके व्यवसाय (पेशे) में उन्नति की कोई उम्मीद सम्भवना नहीं रहती । वह अपना पूरा जीवन जन सेवा करते हुए गरीबी में बिताता है । उसका यह रेखा-चित्र अपेक्षा करता है कि हम उसका महत्व समझें एवं उसके कार्यों की महत्ता को समझ कर उसका सम्मान करें ।