Read this article to learn about the measurement of radiation in Hindi language.
निम्न साधनों का प्रयोग करके विकिरण उद्भास मापा जा सकता है:
1. जी॰एम॰ गणक (काउण्टर)
2. समानुपाती गणक
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3. पाकेट मात्रामापी (डोजीमीटर)
4. फिल्म बैज
5. टी॰एल॰डी॰ (तापदीप्ति मात्रामापी)
कार्मिक मोनीटरिंग के प्रकार्य/अमिलक्षक:
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क. व्यवसायी (अर्थात व्यवसाय में प्राप्त) अवशोषित मात्रा की जानकारी प्राप्त करना ।
ख. सुनिश्चित करना कि निर्धारित मात्रा की सीमा तो पार नहीं हो रही है ।
ग. उद्भास को कम करने के प्रयासों का मूल्यांकन करने और कार्यविधि पर नियंत्रण रखने के लिए उद्मास स्तरों का निरीक्षण करना ।
फिल्म बैज और टी॰एल॰डी बैज दोनों से ही 10 मि॰ रैड से हजारों मिली रैड तक माप सकते हैं । दोनो साधनों के व्यापारी (सप्लायर) इन साधनों में 10% की मापन परिशुद्धता हासिल कर सकते हैं ।
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वैसे टी॰एल॰डी॰ में फिल्में बैज से अधिक परिशुद्धता मिलती है । फिल्म बैज से मापन की औसत परिशुद्धता 30% के अन्दर रिपोर्ट की गई है ।
टी॰एल॰डी॰ के लाभ:
क. आपातकालिक स्थितियों में इन्हें तीव्रता से बढ़ाया जा सकना ।
ख. रोगी के उद्मास मापन में मात्रामापी का कार्य करना और दूसरे अन्य उद्मास का भी मापन करना ।
ग. पर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे ताप, प्रकाश या दाब में परिवर्तन के कारण गलत रीडिंग देने की संभावना बहुत कम होना ।
फिल्म बैज के लाभ:
क. कम खर्चीला होना
ख. स्थाई रेकार्ड रख सकना । यह रेकार्ड भविष्य में फिल्म में पुन: मूल्यांकन या किसी संदर्भ के लिए आवश्यक होते हैं ।
फिल्म बैज की सामान्य विशेषताएं:
फिल्म बैज का प्रयोग किसी व्यक्ति को उसके शरीर से बाहर से मिलने वाले एक्स, बीटा, गामा तथा तापीय न्यूट्रोन इत्यादि विकिरण से प्राप्त मात्रा को मापने के लिए होता है । इसमें फिल्म पैक में भरी एक कैसट होती है जिसमें धातु के उपयुक्त छन्ने लगे होते हैं । फिल्म पैक में 4.0 सेमी॰ x 30 सेमी॰ आकार की एक फोटोग्राफी फिल्म होती है जो प्रकाश सह पोलीथीन या कागज में लिपटी होती है ।
कैसट या फिल्म धारक:
फिल्म धारक के दोनों ओर उचित छन्ते लगे होते हैं जो आपतित विकिरण के प्रकार एवं उसकी ऊर्जा का निर्धारण करते हैं । फिल्म धारक तीन प्रकार के होते हैं ।
1. छाती (चेष्ट) फिल्म धारक
2. कलाई (रिस्ट) फिल्म धारक
3. शीर्ष (हैड) फिल्म धारक
1. खुला खांचा
2. प्लास्टिक
3. केडमियम
4. पतला कापर
5. मोटा तांबा
6. सीसा
पतले तांबे छन्ने के अलावा दूसरों की मोटाई एक एक मि॰मी॰ है । पतले तांबे की मोटाई 0.15 मि॰मी॰ है । इन क्षेत्रों में कार्यरत चिकित्सक या रेडियोग्राफर, दोनों के लिए वैधानिक अनिवार्यता है कि वे अपने कार्य के दौरान, कार्मिक मोनीटरिंग युक्ति का प्रयोग करें । यदि फिल्म छाती पर लगाना हो तो उसे एप्रिन के नीचे पहनना चाहिए ।
हर 15-30 दिन (जैसा उस समय आदेश हो) के प्रयाग के बाद फिल्म को विकिरण मात्रा के आकलन के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में भेजनी चाहिए । मात्रा मापने के बाद विकिरण कार्मिक को सूचित कर दिया जाता है ।