Read this article to learn about the flow of electric current in Hindi language.
विद्युत धारा दो प्रकार की होती है: दिष्ट तथा प्रत्यावर्ती । प्रत्यावर्ती धारा वह धारा है जिसमें धारा का मान एवं दिशा आवर्ती रूप से बदलती रहती है (चित्र 4.7) जबकि दिष्ट धारा में यह परिवर्तन नहीं होते (चित्र 4.8) ।
दिष्ट धारा अपरिवर्ती धारा भी कहलाती है । इसे डी॰सी॰ जनित्र, सेल, बैटरी, संचायक सेल, आदि से प्राप्त किया जाता है । प्रत्यावर्ती धारा को दिष्टकारी की सहायता से दिष्टधारा में बदला जा सकता है ।
जब एक निश्चित वोल्टता पर दिष्ट धारा एक चालक में से प्रवाहित होती है तो ऊष्मा उत्पन्न होती है । यदि प्रत्यावर्ती धारा की उच्चतम वोल्टता दिष्ट धारा की वोल्टता के समान हो तो उतनी ही ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए दुगनी प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करनी पड़ेगी ।