Read this article to learn about the design of transformers in Hindi language.
ट्रांसफार्मर विद्युत चुंबकीय प्रेरण का अत्यंत महत्वपूर्ण उपयोग है । इनमें लाहे के कोर पर बनाई गई दो कुंडलियां होती हैं जिनमें तांबे की तार के कई फेरे होते हैं । एक कुंडली प्राथमिक कहलाती है जो एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से जुड़ी होती है । दूसरी कुंडली द्वितीयक कहलाती है जो लोड से जुड़ी होती है ।
लोड कोई प्रतिरोध अथवा उपकरण हो सकता है । जब प्राथमिक कुंडली को प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से जोड़ा जाता है तो इसी कोड में प्रत्यावर्ती चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है जो द्वितीयक कुंडली में प्रेरित विधुत वाहक बल उत्पन्न करता है । विद्युत वाहक बल का परिमाण दोनों कुंडलियों में फेरों की संख्या पर निर्भर है ।
यदि प्राथमिक तथा द्वितीय कुंडली में फेरों की संख्या क्रमश:
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N, तथा N2 हो और प्रत्येक फेरे के कारण फ्लक्स q हो तो
प्राथमिक कुंडली से संबद्ध कुल फ्लक्स 91 = N1 9
प्राथमिक कुंडली में विद्युत वाहक बल