Read this short paragraph in Hindi language to learn about the period of adolescence in an individual’s life.
किशोरावस्था का अर्थ व परिभाषा (Meaning and Definition of Adolescence):
किशोरावस्था लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है: ‘परिपक्वता की ओर वृद्धि करना’ । किशोरावस्था वह अवस्था है जो कि परिपक्वता (puberty) से शुरू होकर, उस समय समाप्त होती है जब किशोर प्रौढ़ के कार्य व कर्तव्य में संलग्न हो जाता है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10-19 वर्ष की आयु के बालक व बालिका किशोर होते हैं । अत: ”किशोरावस्था, बाल्यावस्था और प्रौढ़ावस्था के बीच की अवधि है ।”
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किशोरावस्था के तीन चरण होते हैं:
(i) प्रारम्भिक किशोरावस्था (10-13 वर्ष की आयु),
(ii) माध्यमिक किशोरावस्था (14-17 वर्ष की आयु),
(iii) दीर्घ किशोरावस्था ( 18-20 वर्ष तक की आयु) ।
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इन सभी अवस्थाओं में बच्चों में अनेक परिवर्तन होते हैं जिनमें कि शारीरिक, मनोवैज्ञानिक (मानसिक तथा संवेगात्मक) तथा सामाजिक वृद्धि प्रमुख हैं । किशोरावस्था में अनेक शारीरिक परिवर्तन एवं विकास देखे जाते हैं । शरीर के सभी अंग इस काल में पूर्ण रूप से विकसित हो जाते हैं ।
हृदय, फेफड़े, हड्डियों ज्ञानेन्द्रियाँ आदि का लगभग पूर्ण विकास इस काल में हो जाता है । शारीरिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन, व्यायाम एवं आराम अनिवार्य है । इस अवस्था में शरीर की लम्बाई तीव्र गति से बढ़ती है ।
लडकों की लम्बाई लड़कियों की अपेक्षा अधिक बढ़ती है । लम्बाई के साथ-साथ वजन में भी वृद्धि होती है । वजन में भी लड़के व लड़कियों में थोड़ा अन्तर रहता है जिसका कारण है: अंगों की बनावट व लम्बाई में अन्तर होना ।
इसके अतिरिक्त किशोरावस्था में शरीर के विभिन्न अंगों का भी विकास होता है । यह विकास एक निश्चित अनुपात में होता है । उदाहरणस्वरूप सिर एवं पूरे शरीर का अनुपात बदल जाता है । जन्म के समय शिशु के सिर की लम्बाई पूरे शरीर की एक- चौथाई होती है । परन्तु इस काल में यह अनुपात एक और दस का हो जाता है ।
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इस काल में शरीर में माँसपेशियों के विकास के परिणामस्वरूप सुडौलता आ जाती है । इसके अतिरिक्त इस काल में यौन परिपक्वता के कारण बालक के शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं । लड़कियों में मासिक-स्त्राव प्रारम्भ होने के साथ-साथ स्तनों में उभार आ जाता है ।