Read this paragraph in Hindi language to learn about the choice of profession made by various individuals.
प्रौढ़ावस्था तक लड़के-लड़कियों अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी कर लेते हैं तथा वे नई भूमिका; जैसे: धन कमाने का कार्य करने लगते हैं । इस समय उन पर अपना व्यवसाय चुनने का दबाब रहता है । अत: यह कहा जा सकता है कि किशोरावस्था के बाद के चरण में वह समय आता है जब व्यक्ति को अपनी जीवनवृत्ति या कैरियर का चयन करने तथा उसकी तैयारी करने की आवश्यकता होती है ।
नये प्रौढ़ों को यह ज्ञात होना चाहिये कि अच्छा रोजगार या नौकरी प्राप्त करने के लिये उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा । प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि वह ऐसा व्यवसाय या नौकरी करे जिसमें उसे आनन्द आए तथा अच्छा धन कमा सके जिससे उसका जीवन आराम से व्यतीत हो सके । हमारे देश में अधिकांशतया यह देखा गया है कि व्यक्ति अपने माता-पिता के व्यवसाय को ही अपनाता है ।
यह एक अच्छा विकल्प होता है क्योंकि जमे जमाये व्यवसाय में आसानी से तालमेल बैठता है; जैसे: डॉक्टर के बेटे या बेटी का डॉक्टर बनना, कपड़े के व्यापारी के बच्चे उन्हीं के व्यापार में जाते है । इस प्रकार यदि अपने परिवार का व्यापार है तो बच्चों का बचपन से ही रुझान उसी में देखा जाता है तथा वे उसी को अपना व्यवसाय अपनाते हैं ।
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किन्तु यदि किशोरों की रुचि किसी अन्य रोजगार में है तो उन्हें उसी क्षेत्र में जाना चाहिये । इसके साथ-साथ किशोर जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उसकी पूर्ण योग्यता उनमें होनी चाहिये तभी उन्हें उस कैरियर का चुनाव करना चाहिये ।
यह तो निश्चित है कि अधिक समय तक कठोर परिश्रम करने से अच्छे परिणाम अवश्य प्राप्त होते हैं । किशोरों के लिये डॉक्टर, इंजीनियर व आर्किटेक्ट आदि सामान्य व्यवसायों के अतिरिक्त और भी अनेक विकल्प उपलब्ध हैं । इसके साथ-साथ अपने आस-पास उपस्थित अन्य अवसरों का भी उपयोग करना चाहिये ।
अपने आस-पास के संसाधनों से सूचना निम्न प्रकार से प्राप्त की जा सकती है:
देश में प्रचलित समाचार पत्रों में व्यावसायिक विकल्पों के लिए विशेष साप्ताहिक पत्रिकाएँ उपलब्ध होती हैं । इनमें विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के विकल्प, उनके लिए किस प्रकार की तैयारी की जाए सम्बन्धित संस्थानों तथा वहाँ किस प्रकार प्रवेश प्राप्त किया जाए इन सभी की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ।
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माता-पिता, भाई-बहन, उनके मित्र तथा विशिष्ट क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारी उनके कैरियर से सम्बन्धित प्रत्यक्ष जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं । इंटर्नशिप तथा कार्य के दौरान प्रशिक्षण से भी रोजगार सम्बन्धी कौशलों को प्राप्त करने में सहायता ली जा सकती है ।
इंटरनेट पर कैरियर गाइडेन्स सम्बन्धी अनेक वेबसाइट उपलब्ध हैं । भारत सरकार द्वारा जारी बेबसाइट से किशोर अपना कैरियर चयन करने के सम्बन्ध में जानकारी व सहायता प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रकार पूर्व प्रौढ़ावस्था में व्यक्ति अपने रोजगारा/व्यवसाय/नौकरी में स्थायित्व होने के पश्चात् विवाह करके घर परिवार का दायित्व निभाने लगता है ।