प्राचीन भारत की आदर्शवादी और यथार्थवादी सोच की परंपरा | “Ancient Indian Tradition of Idealistic and Realistic Thinking” in Hindi Language!
प्राचीन भारत की आदर्शवादी और यथार्थवादी सोच की परंपरा:
भारत के विश्व दृष्टिकोण के विकास का मूल प्राचीनकाल से ही दिखाई पड़ता है, जैसे अंतर-राज्य संबंधों में यथार्थवाद एवं आदर्शवाद दोनों पद्धतियों की उपस्थिति । यथार्थवाद का समर्थन मनुस्मृति, पंचतंत्र, चर्वाक स्मृति तथा कौटिल्य के अर्थशास्त्र में किया गया है । इन दार्शनिकों ने राज्य की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए युद्ध का वर्जन नहीं किया ।
दूसरा समूह जो भारतीय दर्शन के ऋषि-मनीषियों का आदर्शवादी समूह है, अंतर्राष्ट्रीय संबंध में अहिंसा, त्याग, शांति, सत्य का अवलम्बन, दूसरे राष्ट्रों का हित, दूसरे राष्ट्रों से मैत्री-संबंध स्थापित करने तथा शोषण न करने पर विशेष बल देता है । इस तरह से भारतीय दर्शन की ये दोनों, परंपराएं शताब्दियों से व्यवहार में लाई जा रही हैं ।
नेहरू के विश्व दृष्टिकोण पर यथार्थवाद और आदर्शवाद का प्रभाव:
पं नेहरू जी ने स्वतंत्रता के बाद अपनी वैदेशिक नीति में अथवा विश्व दृष्टिकोण के अंतर्गत निम्नलिखित रूप में आदर्शवाद एवं यथार्थवाद के तत्त्वों को सम्मिलित करने में सफलता प्राप्त की थी, जो इस प्रकार हैं:
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(1) पंडित नेहरू ने नि:शस्त्रीकरण का समर्थन करके मानव जाति के कल्याण के चिंतन का आदर्शवाद प्रस्तुत किया ।
(2) पंडित नेहरू ने अपने राजनीतिक जीवन में तिब्बत पर चीन के आक्रमण के कारण भारत में आए हुए समस्त शरणार्थियों को शरण दी ।
(3) 1952-53 में नेपाल में महाराजा त्रिभुवन पर आए संकटों को आदर्शवादी सिद्धांत के द्वारा हल किया तथा पुन: उन्हें राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया ।
(4) पंडित नेहरू ने अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच पर भारतीय आदर्शवादी दर्शन के सिद्धांत-समानता को व्यापक रूप में अपनाया । इसी सिद्धांत के आधार पर उन्होंने रंगवाद, नस्लवाद, साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद का विरोध किया और विश्व स्तर पर समान मानवीय व्यवहार एवं समान मानवीय स्तर का नारा बुलंद किया ।
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(5) पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने पंचशील के सिद्धांत के अंतर्गत दिए गए सभी तत्त्वों को भारत के आदर्शवादी चिंतन से ही लिया है । जैसे-सहयोग सह-अस्तित्व, अहस्तक्षेप आदि ।
(6) नेहरू जी ने भारत के विश्व दृष्टिकोण के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र संघ को सहयोग देकर समस्त मानवीय कल्याण का आदर्श उपस्थित किया ।
(7) नेहरू जी ने विश्व राजनीति में शांति और सहयोग का समर्थन किया । पंडित नेहरू ने मुस्लिम बहुल बेरूबाड़ी अंचल पूर्वी पाकिस्तान को देकर आदर्शवादी तथा यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाया ।
(8) नेहरू जी ने गोवा, दमन एवं दीव के ऊपर सैनिक कार्यवाही करके यथार्थ की नीति को अपनाया ।