Read this article in Hindi Language to learn about the various ways for taking care of the old people.
भारतवर्ष में आजकल लगभग 728 वृद्धाआश्रम चल रहे हैं करीब 547 आश्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी है, इसमें से लगभग 325 आश्रम में सेवा निःशुल्क दी जा रही है । 95 आश्रम ऐसे हैं जिनमें ठहरने, खाने-पीने तथा अन्य सेवाओं के शुल्क लिये जाते हैं जबकि 116 आश्रमों में कुछ सेवा निःशुल्क व कुछ शुल्क के द्वारा दी जाती है इनमें 11 आश्रमों के बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है । देश में कुल 278 वृद्धाआश्रम रोगियों के लिये उपलब्ध हैं तथा 110 वृद्धाआश्रम ऐसे हैं जो कि केवल महिलाओं के लिये ही हैं । हमारे देश में केरल राज्य में अधिकतम वृद्धाआश्रम (124) हैं ।
उपरोक्त डाटा (Data) के अनुसार देश में चल रहे वृद्धाआश्रमों को मुख्यत: दो भागों में बाँटा जा सकता है:
(1) निःशुल्क चलाये जाने वाले वृद्धाआश्रम:
हमारे देश में वृद्धों की जनसंख्या लगभग 100 करोड़ है । हैल्प ऐज एक ऐसी संस्था है जो जरूरत मन्दों के लिये चलाई जाती है । ये अपनी सेवायें दूर दराज के गाँवों में रहने वाले वृद्धों को भी देते हैं । हैल्प ऐज के वृद्धाआश्रम (old age homes) तथा दिन की देखभाल केन्द्र (Day care center) भी हैं ।
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यह संस्था वृद्धों को इज्जत व सुरक्षित जीवन यापन करने में सहायता करती है तथा वृद्ध अपने हम उम्र साथियों के साथ घुल-मिल कर बात-चीत या अपनी रुचि के कार्य कर सकते हैं ।
हैल्प एज के मुख्य कार्य निम्न प्रकार हैं:
(i) रहने की व्यवस्था (Living Arrangement):
उन वृद्धों को रहने की जगह देना या छत प्रदान करना जो किसी कारण वश सड़क पर हैं या जिनके बच्चों ने उन्हें घर से निकाल दिया है तथा उनकी देखभाल करना नहीं चाहते ।
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(ii) हैल्प ऐज संस्था तथा एन. डी. टी. वी. ब्यूअर (NDTV. Viewer) गाँव-इनमें वृद्धों के रहने के लिये घर बनाये गये हैं जिसका कोई शुल्क नहीं लिया जाता ।
(iii) स्वास्थ्य की देखभाल (Health Care):
डाक्टर, नर्स तथा चिकित्सा से सम्बन्धित सेवायें दी जाती हैं । इनकी अपनी मोबाइल मेडिकल इकाई (Mobile Medical Unit) है जिसके द्वारा वृद्धों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवायें दी जाती हैं ।
(a) फिजियो थिरेपी देखभाल (Physiotheraphy Care):
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वृद्धावस्था में अस्थियों से सम्बन्धित रोगों से पीड़ित व्यक्ति अधिकतर देखे गये हैं । फिजियोथिरेपी के द्वारा इन वृद्धों का इलाज किया जाता है । इसके साथ-साथ अस्थियों से सम्बन्धित रोगों का निवारण भी होता है ।
(b) आँखों की देखभाल (Eye Care):
वृद्धावस्था में आखों की देखभाल की ज्यादा आवश्यकता होती है । जिसके लिए सुविधाएं उपलब्ध होती है ।
(c) कैन्सर केयर (Cancer care):
कैन्सर से पीड़ित रोगियों के लिये हर प्रकार के इलाज की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं ।
(d) अल्जीमर केयर (Alizheimer Care):
अल्लीमर रोग से पीड़ित लोगों की देखभाल व इलाज की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं ।
(iv) आहार की व्यवस्था (Food Arrangement):
वृद्धों की भोजन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति करना तथा उनको समय पर तीन बार पौष्टिक आहार देना । रोगों के अनुसार भी आहार की व्यवस्था करना ।
(v) सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना (Social Protection):
कुछ वृद्धों के लिये विशिष्ट देखभाल केन्द्र चलाना, उनकी सामाजिक गतिविधियों में रुचि पैदा करना ।
(vi) व्यायाम, योगा (Exercise, Yoga):
वृद्धों के लिये हलके-फुल्के व्यायाम की सुविधा प्रदान करना; जैसे-सुबह शाम सैर के लिये स्थान, योगा शिक्षक की व्यवस्था कराना तथा योगा करने के लिये प्रोत्साहित करना आदि ।
(vii) स्वच्छता (Cleanliness):
वृद्धाआश्रमों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है । प्रतिदिन धूल-गर्त आदि की सफाई की जाती है तथा कूड़ा-करकट का उचित प्रकार से निस्तारण किया जाता है । वातावरण को स्वच्छ रखने के लिये पेड़-पौधे लगाये जाते हैं ।
(2) शुल्क लेकर चलाये जाने वाले वृद्धाआश्रम:
ये अत्यधिक आधुनिक प्रकार के फ्लैट या रिसॉट (Resort) होते हैं जिसमें सभी प्रकार की सुख-सुविधायें शुल्क लेकर प्रदान की जाती हैं । इनका मुख्य उद्देश्य वृद्धों को सुरक्षित जीवन व मानसिक शांति प्रदान करना है । इनके प्रबन्धन को निम्न भागों में बाँटा गया है:
(i) सुविधा प्रबन्धन (Facility Management):
फ्लैट या घर में हर प्रकार की सुविधायें होती हैं: हाउस कीपिंग (House keeping) द्वारा घर को साफ-सुथरा, धूल/गर्त रहित रखा जाता है । चौबीस घंटे बिजली पानी की व्यवस्था, सफाई कर्मचारी (Sweepers), नल ठीक करने वाला (Plumbers), फ्लैट की मरम्मत व रख-रखाव, प्रतिदिन सफाई, प्लैट से कूड़ा-कचरा साफ करना आदि आता है ।
(ii) भोजन का प्रबन्ध (Meal Management):
भोजन कक्ष सभी लोगों के लिए एक ही होता है । फ्लैट या घर में रहने वाले सभी वृद्ध एक साथ खाना खाते हैं । प्रतिदिन मीनू में दिये जाने वाले तीन मुख्य आहार पौष्टिक व संतुलित होते हैं । खाना बनाने के लिये रसोई घर की व्यवस्था होती है जो कि डायटीशियन (Dietetion) की देख-रेख व निरीक्षण में चलाया जाता है ।
(iii) स्वास्थ्य तथा चिकित्सा देखभाल (Health and Medical Care):
इसमें प्रतिदिन वृद्धों के स्वास्थ्य की जाँच के लिये चिकित्सक रहते हैं । यहाँ पर विशेष प्रकार की स्वास्थ्य से सम्बन्धित देखरेख की सुविधायें दी जाती हैं साथ ही आवश्यकता पड़ने पर मरीज को विशेष चिकित्सालय में भर्ती करने की सुविधा भी होती है ।
वृद्धों के स्वास्थ्य की समय-समय पर जाँच की जाती है तथा उसका पूरा ब्यौरा (Record) रखा जाता है, इसके लिये सहायक की नियुक्ति की जाती है । व्यक्तिगत देखभाल तथा पोषण सलाह की सुविधायें भी दी जाती हैं ।
वृद्धों की बीमारियों में पूर्ण देखभाल से सम्बन्धित सभी प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध की जाती हैं । कुछ विशेष रोग; जैसे: डिमेनशिया (Dementia) तथा अल्जीमर (Alzheimer) के रोगियों की उचित देखभाल । आकस्मिक अलार्म सिस्टम (Emergency Alarm System) लगाया जाता है जिसका उपयोग केवल तत्काल प्राप्त करने वाली चिकित्सा के लिये ही किया जा सकता है ।
(iv) अन्य सुविधायें (Other Facilities):
इसमें निम्न प्रकार की सुविधायें दी जाती हैं:
i. फिटनेस सेवायें (Fitness services), योगा कक्षायें (Yoga classes) ।
ii. घर में किसी प्रकार का परिवर्तन जो वृद्धों के कल्याण से सम्बन्धित हो ।
iii. व्यक्तिगत देखभाल सेवायें-शौच करने या नहाने के लिये शुल्क लेकर सहायक सुविधा ।
iv. फ्लैट, बिजली, फोन, मोबाइल या और कोई भी बिल के भुगतान के लिये शुल्क देकर सहायक की व्यवस्था ।
v. लिखने-पढ़ने के लिये सहायक ।
vi. गृह का प्रबन्ध करने, सामाजिक उत्सवों या चिकित्सालय में डॉक्टर से समय लेकर चेकअप कराने के लिये सहायक की व्यवस्था । उपरोक्त सभी व्यवस्था अतिरित शुल्क देने के पश्चात् ही प्राप्त होती है ।