Read this article in Hindi language to learn about functions and factors affecting the selection of financial institution.
वित्तीय संस्थाओं के कार्य (Functions of Financial Institution):
वित्तीय संस्थाओं में धन विनियोग करने से निम्न लाभ होते हैं:
i. धन सुरक्षित रहता है ।
ii. धन में वृद्धि होती है ।
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iii. संस्था द्वारा ब्याज दी जाती है ।
iv. आवश्यकता पड़ने पर आप अपना धन वापस ले सकते हैं ।
v. वित्तीय संस्थाएं आपके निवेश पर ऋण भी देती हैं ।
विनियोग संस्था के चुनाव को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Selection of Financial Institution):
बैंक तथा अन्य बचत संस्थाओं में कई प्रकार की विनियोग योजनाएँ हैं जो अलग-अलग आय के व्यक्तियों के लिये होती हैं ।
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किसी भी योजना में धन निवेश करने से पहले निम्न बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है:
(1) परिवार की ‘बचत’ क्षमता (Family Saving Capacity):
यदि परिवार में थोड़ी-थोड़ी बचत हो पाती है तो ऐसी योजना का चुनाव करना चाहिये जिसमें कम-से-कम जमा करने वाली रकम बहुत अधिक लाभ दे सके ।
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(2) विनियोग की सुरक्षा (Investment Protection):
किसी भी परिवार के लिये बचत करना आसान नहीं है, इसके लिये अधिक परिश्रम करना पड़ता है, कभी-कभी बचत करने के लिये अपनी कुछ जरूरतों को पूरा न करके कुछ राशि, जमा की जाती है ।
अत: परिवार के लोग चाहेंगे कि निश्चित रूप से उनकी बचत सुरक्षित हो । विनियोग के लिये प्राप्त लिखित प्रमाणपत्रों को अत्यन्त सावधानी से सुरक्षित रखना चाहिये । ऐसी योजना में निवेश नहीं करना चाहिये जो कि बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण ब्याज न दे पाती हों ।
(3) ब्याज की उच्च दर (High Interest Rate):
जितनी अधिक लम्बी अवधि के लिये आप अपना पैसा किसी संस्था में लगायेंगे, उतनी ही ब्याज की दर बढ़ जाती है । इसके साथ-साथ अलग-अलग संस्थाएँ अलग-अलग अवधि के लिये अलग-अलग ब्याज देती हैं । ऐसी संस्थाएँ भी होती हैं जो तुरन्त पैसा चाहती हैं, ब्याज की दरें ऊँची रखती हैं । किसी भी संस्था में पैसा लगाने से पहले उस संस्था की विश्वसनीयता की अच्छी तरह जाँच-पड़ताल कर लेनी चाहिये ।
(4) तरलता (सरलता से धन की वापसी) (Fluidity):
कभी-कभी परिवार में ऐसा समय आ जाता है कि अचानक अपना जमा किया गया धन वापस चाहिये होता है । तरलता से निवेश की हुई बचत को जरूरत के समय सरलता से निकाल सकते हैं । कुछ ऐसी संस्थायें होती हैं जहाँ निश्चित अवधि से पहले पैसा वापस निकाल ही नहीं सकते । यदि कोई परिवार अपनी पूरी बचत ऐसी योजनाओं में निवेश कर देता है तो जरूरत के समय पैसा वापस मिलने में अत्यन्त कठिनाई होगी ।
(5) अन्यलाभ (Other Benefits):
ब्याज की उच्चदर के अतिरिक्त संस्थाएँ दूसरे कुछ लाभ भी देती हैं, जैसे: डिविडेंट लाभांश और आयकर से छूट ।
(6) क्रयशक्ति (Purchase Capacity):
निवेश की अवधि समाप्त होने पर धन की वृद्धि की कीमत उस समय की बढ़ी हुई महँगी कीमतों के बराबर दोगुनी होनी चाहिये ।
(7) निवेश का सुविधाजनक स्थान (Convenient Place for Investment):
निवेश में अधिकतर लिखा-पढ़ी बहुत होती है । यदि वह संस्था परिवार के लिये सुविधाजनक स्थान होगा तो बिना अधिक समय बर्बाद किये आप कार्य कर सकते हैं ।