Read this article in Hindi language to learn about the methods of cloth protection for various types of cloths.
1. वस्त्रों को सीलन रहित सन्दूक या आलमारी में ही रखना चाहिए । आलमारी में डी.डी.टी. पाउडर छिड़ककर व अखबार बिछाकर कपड़े रखना चाहिए । अच्छा होगा कि ओडोनिल या ओडोर की टिकिया सन्दूक में रख दें ।
2. वस्त्र एकदम सूखे रखना चाहिए ।
3. वस्त्रों को प्रेस करके रखें । सूती वस्त्रों पर स्टार्च हटाना चाहिए ।
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4. कपड़ों को ज्यादा देर धूप में या यों ही खुला न रखिए ।
5. कपड़ों पर दाग-धब्बे लगने से बचाइए ।
6. एक ही कपड़ा लगातार मत पहनिए । कपड़े अदल-बदलकर पहनिए ।
7. ऊनी वस्त्रों को सावधानीपूर्वक रखिए ।
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8. ऊनी वस्त्रों को सदैव धोकर व ब्रुश से साफ करके रखिए । बाजार के बने ऊनी वस्त्र या कीमती वस्त्रों को ड्राईक्लीन कराकर रखें ।
9. सर्दी का मौसम समाप्त होने पर ऊनी वस्त्रों को बॉक्स में नीम की पत्तियाँ या फिनायल की गोलियाँ डालकर रखिए ।
10. जरी या कामदार भारी कपड़े पुराने कपड़े में लेपट कर रखें तथा समय-समय पर इन्हें हवा व धूप दिखाते रहें ।
11. ऊनी वस्त्रों को बारिश के बाद धूप दिखाएँ ।
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12. वस्त्रों को अधिक गन्दा मत होने दीजिए ।
13. वस्त्रों को धोने के लिए अच्छे साबुन व उचित विधि का प्रयोग करें ।
14. रेशमी वस्त्रों के लिए कुछ विशेष सावधानियाँ रखनी चाहिए । इनको धोकर तथा स्टार्च हटाकर रखना चाहिए । अत्यन्त कीमती व जरी के कपड़ों को ड्राईक्लीन कराकर रखना चाहिए । रेशमी कपड़ों को मलमल के मुलायम कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए । समय-समय पर इन्हें छाया में डालना चाहिए ।