Read this article in Hindi language to learn about the ways for ironing different fabrics and clothes.
धोने के पश्चात् वस्त्रों में सिलवटें पड़ जाती हैं अत: वे पहनने योग्य नहीं होते हैं । अत: वस्त्रों को सुन्दर व आकर्षक बनाने व चमक लाने के लिए इन पर प्रेस करना आवश्यक होता है ।
वस्त्रों पर प्रेस करने से लाभ:
वस्त्रों पर प्रेस करने से निम्न लाभ होते हैं:
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i. वस्त्रों की सिलवटें दूर हो जाती हैं तथा वे एक से समतल हो जाते हैं ।
ii. वस्त्रों का आकर्षण व सुन्दरता बढ़ जाती है ।
iii. वस्त्रों में चमक आ जाती है ।
iv. कपड़ों की क्रीज बनी रहती है जिससे व्यक्ति स्मार्ट दिखाई पड़ता है ।
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v. वस्त्र की आयु बढ़ जाती है ।
vi. प्रेस करने से रोग के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं ।
वस्त्र अनेक प्रकार के रेशों से बने होते हैं जोकि गुणों में भिन्न होते हैं । अत: इन पर प्रेस करते समय मुख्य तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए-ताप, दबाव तथा नमी ।
इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है:
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(a) सूती वस्त्र:
अधिक ताप, दबाव व नमी ।
(b) रेशमी वस्त्र:
कम ताप, दबाव व नमी ।
(c) ऊनी वस्त्र:
बहुत कम दबाव व ताप, अधिक नमी ।
(d) रेयॉन:
रेशमी वस्त्र के समान ।
(e) सिन्थैटिक वस्त्र:
हल्का ताप व दबाव नमी नहीं ।
सूती वस्त्रों पर प्रेस करना (Ironing Cotton Clothes):
i. इसके लिए प्रेस के नियन्त्रक को कॉटन (Cotton) पर करते हैं ।
ii. सूती वस्त्रों पर पानी छिड़ककर लपेटिए, नमीं चारों और फैल जाएगी ।
iii. खूब गरम प्रैस बायीं ओर से करिए, प्रेस को दायें से बायीं ओर ले जायें ।
iv. जब तक नमी न सूख जाये चलाते रहिए ।
v. पुरुषों के कपड़ों में क्रीज बनाइए परन्तु स्त्रियों के कपड़ों में क्रीज नहीं बनाई जाती है ।
रेशमी वस्त्रों पर प्रेस करना (Ironing Silk Clothes):
i. रेशमी वस्त्रों को सीधा करके उस पर गीला कपड़ा डालकर प्रेस करें इससे कपड़े में चमक आयेगी ।
ii. रेशमी वस्त्रों पर हल्की गरम प्रेस करनी चाहिए । तेज गरम प्रेस करने से कपड़े की बनावट में भी अन्तर आ सकता है ।
iii. प्रेस धीरे-धीरे हल्के हाथ से करनी चाहिए ।
iv. रेशमी वस्त्रों को मोड़कर प्रेस नहीं करना चाहिए ।
v. हल्के रंग के रेशमी वस्त्रों को सीधी ओर से तथा गहरे रंग के रेशमी वस्त्रों को उल्टी ओर से प्रेस करनी चाहिए ।
ऊनी वस्त्रों पर प्रेस (Ironing of Woolen Clothes):
i. ऊनी वस्त्रों पर उल्टी ओर से प्रेस करनी चाहिए ।
ii. प्रेस हल्की गरम होनी चाहिए ।
iii. ऊनी वस्त्रों पर सूती मलमल के वस्त्र को भिगोकर उस वस्त्र से ऊपर रखकर प्रेस करना चाहिए ।
iv. प्रेस करते समय इस बात का ध्यान रखें कि नमी भाप में बदल जाये ।
v. ऊनी वस्त्रों पर स्टीम प्रेस से प्रेस करना चाहिए ।
कृत्रिम रेशे के वस्त्रों पर प्रेस करना:
1. इस प्रकार के वस्त्रों पर उल्टी तरफ से प्रेस करना चाहिए ।
2. प्रेस हल्की गरम होनी चाहिए ।
3. आवश्यकता होने पर ताप धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए ।
4. इन वस्त्रों पर पानी नहीं छिड़कना चाहिए ।
5. इन वस्त्रों पर बहुत कम प्रेस करनी चाहिए ।
प्रेस करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
i. आस्तीन पर दोनों तरफ से प्रेस करना चाहिए ।
ii. पहले कॉलर, झालर व कफ पर प्रेस करना चाहिए उसके पश्चात् अन्य भागों पर प्रेस करें ।
iii. मेजपोश, गिलाफ, रूमाल, नैपकिन, आदि को पूरा खोलकर प्रेस करें ।
iv. चादर व बैड कवर को दोहरी पर्त करके प्रेस करें ।