Read this article in Hindi language to learn about the importance of studying home science.
आधुनिक युग में गृह विज्ञान का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । यह युग नारी स्वतन्त्रता का युग है । आज की नारी पुरूष के कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य कर रही है । आजकल बालिकाओं की शिक्षा पर भी बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है ।
गृह विज्ञान का ज्ञान बालिकाओं को आदर्श परिवार बनाने में निम्न प्रकार सहायक होता है:
i. परिवार के प्रति उनको अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का बोध कराता है ।
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ii. परिवार के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की शिक्षा प्रदान करता है ।
iii. यह शिक्षा उन्हें आदर्श-परिवार तथा कुशल गृहिणी बनाने में सहायता करती है ।
हम सभी जानते हैं कि परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई है । किसी भी राष्ट्र की उन्नति में परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहता है ।
अत: यदि परिवार आदर्श है तो राष्ट्र का स्वरूप भी आदर्श बन सकता है । इस प्रकार गह विज्ञान का ज्ञान बालिकाओं को आदर्श गृहिणी व परिवार बनाने की क्रिया का ज्ञान प्रदान करता है ।
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गृह विज्ञान शिक्षा में बालिकाओं को कुशल गृहिणी बनाने हेतु निम्न विषयों का ज्ञान दिया जाता है:
i. शारीरिक संरचना
ii. स्वास्थ्य
iii. आहार एवं पोषण विज्ञान
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iv. गृह व्यवस्था
v. गृह सज्जा
vi. वस्त्र एवं सिलाई
vii. कपड़ों की देख-रेख
viii. शिशु पालन
ix. बाल विकास आदि ।
इन सभी विषयों के साथ-साथ सामान्य रोगों के कारण, उनकी रोकथाम एवं बचाव के उपाय, परिवार कल्याण आदि का भी विस्तृत ज्ञान दिया जाता है । अत: यहाँ यह स्पष्ट होता है कि गृह विज्ञान एक बालिका को कुशल गृहिणी बनाने में सहायक होता है ताकि वह अपने परिवार को स्वस्थ एवं सुखी रख सके । यहाँ पर कहना अनुचित नहीं होगा कि गृह विज्ञान का ज्ञान आवश्यक है । गृह विज्ञान का महत्व केवल गृह एवं परिवार तक ही सीमित नहीं है, अपितु इसका क्षेत्र समाज एवं सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ है ।
इसके महत्व निम्न प्रकार हैं:
(1) परिवार के लिए महत्व:
गृह विज्ञान का ज्ञान अर्जित करना परिवार के हर सदस्य के लिए आवश्यक है । घर के अन्य सदस्य भी कुछ कार्यों में जैसे गह व्यवस्था, गह सज्जा, बच्चों के लालन-पालन आदि में सहयोग प्रदान कर सकते हैं, अत: परिवार के प्रत्येक सदस्य को गह विज्ञान का ज्ञान आवश्यक है ।
(2) समुदाय के लिए महत्व:
पड़ोस एवं समुदाय के प्रति भी प्रत्येक परिवार का कुछ कर्तव्य है । गृह विज्ञान के ज्ञान का उपयोग करके हम अपने पड़ोसी के कल्याण, समुदाय के कल्याण, पड़ोस में स्वच्छता, बीमारियों में लोगों की सहायता करना, सामुदायिक कल्याणकारी योजना एवं कार्यक्रम बनाना, आदि कार्य भली प्रकार कर सकते हैं ।
(3) समाज एवं राष्ट्र के लिए महत्त्व:
गृह विज्ञान का क्षेत्र केवल परिवार तक ही सीमित नहीं है, अपितु समाज एवं राष्ट्र के लिए भी यह अत्यन्त उपयोगी विषय है । परिवार में होने वाली घटनाओं का प्रभाव समाज पर पड़ता है तथा समाज का प्रभाव राष्ट्र पर पड़ता है ।
आधुनिक युग में परिवार की व्यवस्था, साज-सज्जा व स्वरूप में अनेक परिवर्तन आये हैं । परिवार में होने वाले परिवर्तनों का प्रभाव समाज एवं राष्ट्र पर पड़ता है । परिवार की उन्नति से समाज की उन्नति होती है तथा समाज से राष्ट्र की उन्नति होती है ।
(4) व्यावसायिक क्षेत्र में गृह विज्ञान का महत्व:
यह युग आत्म निर्भरता का युग है । गह विज्ञान का ज्ञान महिलाओं को आत्म निर्भर बनाता है अत: वे गृह कार्यों के अतिरिक्त धन अर्जित करके अपने परिवार के पालन-पोषण में सहायता कर सकती हैं । गृह विज्ञान एक व्यावसायिक विषय है । इसमें छात्राओं को ऐसी शिक्षा दी जाती है जिससे वे अपनी शिक्षा पूरी करके कुछ व्यवसाय ग्रहण करने की योग्यता रखती हैं ।
ये छात्राएँ निम्न व्यवसाय कर सकती हैं:
i. गृह विज्ञान की शिक्षिका
ii. आहार सलाहकार
iii. आंगनबाड़ी शिक्षिका
iv. आहार एवं पोषण विशेषज्ञ
v. पाक शास्त्र का शिक्षण
vi. मातृकला एवं शिशु पालन सलाहकार
vii. गृह व्यवस्था एवं गृह सज्जा सलाहकार
viii. सिलाई, कढ़ाई सिखाने का केन्द्र
ix. परिवार नियोजन निर्देशिका
x. प्राथमिक चिकित्सा निर्देशिका ।
इन सभी व्यवसायों से मानव व समाज-सेवा में भी योगदान होता है, अत: गृह विज्ञान व्यावहारिक महत्व का विषय है । उपर्युक्त कारणों से हम कह सकते हैं कि वर्तमान युग में गृह विज्ञान का ज्ञान घर-परिवार, समाज एवं राष्ट्र, मुख्य रूप से अविकसित एवं विकासशील राष्ट्रों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है ।