Read this article in Hindi language to learn about the diet plan for the people suffering from the problem of hypertension.
शारीरिक परिवर्तन (Physical Changes):
यह रोग नहीं अपितु रोग का लक्षण है । मुख्यतया मोटापा रक्त चाप को बढ़ाने में सहायक होता है । रक्त चाप एकदम से बढ़ने पर हृदय घात (Heart attack) हो जाता है ।
लक्षण (Symptoms):
उच्च रक्त चाप में सिर दर्द, चक्कर आना, घबराहट, वमन होना आदि ।
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पौष्टिक तत्वों की आवश्यकतायें (Nutritional Requirements):
अति रक्तदाब वाले मरीज की आहार व्यवस्था करना अत्यन्त आवश्यक है ।
इस आहार व्यवस्था से पौष्टिक तत्व निम्नलिखित मात्रा में प्राप्त होते हैं:
कैलोरीज: कम कैलोरी वाला आहार देना चाहिए । ऐसी स्थिति में 2000 कैलोरीज देनी आवश्यक है ।
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प्रोटीन: रोगी को सामान्य प्रतिदिन की आवश्यकता के अनुसार ही प्रोटीन देनी चाहिये ।
वसा: कुल ऊर्जा का 20-25% भाग वसा से आना चाहिये । आहार में कॉलेस्ट्रोल (Cholesterol) की मात्रा कम होनी चाहिये । प्राणिज्य साधन की वसा का उपयोग नहीं होना चाहिये ।
कार्बोहाड्रेट: आहार में कार्बोहाइड्रेट स्टार्च के रूप में दिया जाना चाहिये ।
सोडियम क्लोराइड (नमक): रोगी को कम नमक, 0.2 से 0.5 ग्राम तक की अनुमति है ।
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खाने में नमक का उपयोग अल्प भाग में होना चाहिये । सान्द्र (Concentrated) कॉफी का सेवन भी नहीं करना चाहिये ।
खाना पकाते समय नमक या बेकिंग सोडा का उपयोग नहीं करना चाहिए । मेज पर नमक नहीं परोसना चाहिए ।