Read this article in Hindi language to learn about the diet plan for the people suffering from diarrhea.
शारीरिक परिवर्तन:
यह आमाशयिक आँत (Gastrointestinal) रोग से सम्बन्धित लक्षण है । यह रोग नहीं है अपितु रोग का कल्याण है । इस लक्षण से आँतें कमजोर हो जाती हैं तथा आगे चलकर यह लक्षण आमाशयिक आँत के रोगों में परिवर्तित हो जाता है ।
लक्षण (Clinical Symptoms):
अतिसार में बार-बार मल त्याग होता है व मल पतला व टूटा-फूटा होता है ।
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कारण (Causes):
अतिसार दुसाध्य (acute) या दीर्घकालीन (Chronic) हो सकता है । अतिसार दूषित जल या भोजन से होता है । इसका प्रकोप गर्मी व बरसात में अधिक होता है । इस रोग के जीवाणु होते हैं जोकि मक्खी, मच्छर, मनुष्य या जानवरों द्वारा मनुष्यों तक भोज्य पदार्थ में पहुँचते हैं ।
पौष्टिक तत्वों की आवश्यकतायें (Nutritional Requirements):
तीव्र अतिसार में निम्न मात्रा में पौष्टिक भोजन दिया जाना चाहिये:
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कैलोरीज – 1000 कि.कै.
प्रोटीन – 40 ग्राम
कैल्शियम – 1.79 ग्राम
लोहा – 5 मिग्रा
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विटामिन – 1516 मिग्रा
आहार की आवश्यकता (Dietary Requirements):
रोग की दुसाध्य (Acute) स्थिति में पाचन-तन्त्र को आराम की आवश्यकता होती है, अत: रोग की तीव्रता कम होने तक रोगी को तरल व अर्द्ध तरल आहार देना चाहिये ।
i. असाध्य स्थिति में आहार की मात्रा अत्यधिक सीमित है ।
ii. शरीर पोषण सम्बन्धी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो पाती ।
iii. जल व पेय पदार्थ की मात्रा अधिक देनी चाहिये ।
iv. अत्यधिक तीव्रता के लक्षण में ग्लूकोज को नस द्वारा चढ़ाया जाता है ।
v. रोगी को मुख्यत स्टार्च आहार; जैसे: साबूदाना, उबला चावल, मट्ठा, खिचड़ी, केला आदि देना चाहिये ।
तीव्र अतिसार (Acute diarrhoca):
इस स्थिति में एक या दो दिन शुद्ध तरल आहार दिया जा सकता है:
ग्लूकोज पानी (10%) – 1000 मिली.
फलों का रस – 1000 मिली.
बार्ले का पानी – 1000 मिली.
डब पानी – 1000 मिली.
प्रथम दिन: इस व्यवस्था में प्रति घंटा 40-80 मिली तरल पदार्थ दिये जाते हैं । द्वितीय दिन: रोगी की स्थिति में सुधार होने पर समय-समय पर तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ानी चाहिये अर्थात् प्रति दो घंटे के बाद 100-120 मिली दी जानी चाहिये ।
तीव्र अतिसार के लिये शुद्ध तरल आहार का मीनू:
प्रात: 6 बजे – ग्लूकोज पानी
प्रात: 7 बजे – फल का रस
प्रात: 8 बजे – बार्ले का पानि
प्रात: 9 बजे – डब का पानी
इस बारंबारता (Frequency) में रात 8 बजे तक तरल आहार देना आवश्यक है ।
असाध्य स्थिति ठीक होने पर तीसरे दिन निम्न आहार दिया जाना चाहिये: