Read this article in Hindi language to learn about the diet plan for the people suffering from diabetes.
मधुमेह चयापचय से सम्बन्धित रोग है । इसमें कार्बोहाइड्रेट का चयापचय पूर्ण नहीं हो पाता, इसके साथ-साथ वसा व प्रोटीन का चयापचय भी प्रभावित होता है । यह रोग नहीं है अपितु रोग का लक्षण है ।
शारीरिक परिवर्तन (Physical Changes):
i. इस रोग का मुख्य कारण इन्सुलिन की कमी ।
ii. इन्सुलिन पैंक्रियाज की विशेष कोशिकाओं (Islets of Langerhans) द्वारा उत्पादित होता है जो कि ग्लूकोज का ऑक्सीकरण करता है तथा उसे ग्लाइकोजिन में परिवर्तित करके संचित करता है ।
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iii. ग्लूकोज का कोशिकाओं द्वारा उपयोग होने के पश्चात् बचा हुआ ग्लूकोज संचित हो जाता है ।
iv. कभी-कभी इन्सुलिन की मात्रा ठीक होती है परन्तु उसका प्रभाव कम हो जाता है ।
कुछ लोगों में मुधमेह आन्तरिक विकारों के कारणों से होता है । जैसे-पेनक्रियेटाइटिस में पेनक्रियास ग्रंथी नष्ट होने लगती है, इस स्थिति में इन्सुलिन की उत्पत्ति कम हो जाती है ।
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अत: इन्सुलिन की कमी से ग्लूकोज का सामान्य उपयोग नहीं हो पाता, अत: रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है । एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा 80 से 120 mg तक हो जाती है तथा 180 mg यह मूत्र में निष्कासित होने लगता है ।
लक्षण (Symptoms): मधुमेह में निम्न लक्षण देखे जाते हैं:
i. बहुमूत्रता (Polyuria): जल्दी-जल्द मूत्र आना ।
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ii. अधिक प्यास लगना (Polydipsia): रोगी को प्यास अधिक लगती है ।
iii. भूख बढ़ जाती है ।
iv. रोगरोधक क्षमता की कमी ।
v. खुजली, फोड़े-फुन्सी ।
vi. प्रजनन अंगों पर प्रभाव,
vii. त्वचा पर प्रभाव ।
viii. फेफड़ों व मूत्रनली पर प्रभाव ।
पौष्टिक तत्वों व आहार की आवश्यकता:
मधुमेह के रोगी का आहार उसकी कैलोरीज की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है ।