संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ | “USA and European Union” in Hindi Language!
सुरक्षा संबंधी मामलों में अलग-अलग दृष्टिकोण होने के कारण भारत-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण बने रहे हैं । अमेरिका ने गठबंधन नीति अपनाई तथा भारत गुटनिरपेक्ष नीति पर चलता रहा । शीत युद्ध के पश्चात् संबंधों में सुधार आया ।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार शीत युद्ध के बाद की नई घटना है । इनमें लगातार सुधार हो रहा है । शीत युद्ध के युग में यूरोपीय संघ के साथ भारत के रिश्ते मुख्यत: आर्थिक थे क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इसकी कोई भूमिका नहीं थी ।
यूरोपीय संघ भारत के लिए न केवल सबसे बड़ा सामूहिक क्षेत्रीय बाजार है बल्कि यह भारतीय आयात का सबसे बड़ा स्रोत भी है । विश्व मामलों में यूरोपीय संघ के बढ़ते हुए महत्त्व के साथ एक बड़ी शक्ति के रूप में भारत की महत्ता बड़ी है ।
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भारत और यूरोपीय संघ के बीच पहली बैठक 2000 में हुई इस शिखर बैठक में यह बात सामने आई कि ऊर्जा, दूरसंचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी आदि नए उभरते हुए क्षेत्रों मे भारत तथा यूरोपीय संघ आपसी सहयोग से काफी लाभ उठा सकते हैं ।
प्रस्तुत अध्याय में अमेरिका से भारत के संबंध तथा यूरोपीय संघ के साथ भारत के राजनीतिक, आर्थिक, संबंधों की विस्तार से चर्चा की गई है । इसके अंतर्गत अमेरिका के साथ भारत के घटनापूर्ण संबंध तथा यूरोपीय संघ के साथ बढ़ते हुए सहयोग पर प्रकाश डाला गया है ।