Read this article in Hindi language to learn about the meaning and causes of food adulteration.
“Food adulteration is an act of intentionally debasing the quality of food offered for sale either by the admixture or substitution of inferior substances or by the removal of some valuable ingredient. Food Adulteration takes into account not only the international addition or substitution or abstraction of substances which adversely affect the nature of substances and quality of foods, also their incidental contamination during the period of growth, harvesting, storage processing and distribution” – Food Safety and Standard Authority of India.
यहाँ FSSAI ने मिलावटी (Adulterants) पदार्थों को भी समझाया है, ”वे पदार्थ जो कि भोजन को दूषित करके स्वास्थ्य के लिये हानिकारक बनते हैं तथा उसके मानक (Standard) को निचले स्तर का बनाते हैं, उसके ब्रांड में परिवर्तन करते हैं या बाहरी पदार्थ मिलाते हैं । इन सभी पदार्थों को मिलावटी पदार्थ कहते हैं ।”
अर्थ (Meaning of Food Adulteration):
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FSSAI ने मिलावटी भोज्य पदार्थ के बारे में समझाया है कि वे पदार्थ जिनके गुण निचले स्तर के होते हैं या उनमें कुछ ऐसे मिलावटी पदार्थ मिलाये जाते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं या कुछ पौष्टिक तत्वों को भोज्य पदार्थों से निकाला जाता है । अत: उपरोक्त सभी क्रियाओं को मिलावट कहते हैं ।
FSSAI के अनुसार, किसी भोज्य पदार्थ में निम्न बातें हों तो वे मिलावटी कहे जाते हैं:
(i) वे पदार्थ जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रभाव डालते हैं ।
(ii) भोज्य पदार्थों में सस्ते व खराब गुणों वाले पदार्थों को अपूर्ण या पूर्ण रूप से मिलाना ।
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(iii) भोज्य पदार्थों से उपयोगी या आवश्यक पदार्थों को पूर्ण या आंशिक रूप से निकालना ।
(iv) भोज्य पदार्थ नकली हो, भोज्य पदार्थ को रंग दिया गया हो या उस पर किसी प्रकार का ट्रीटमेन्ट किया गया हो जिससे वह आकर्षक बने या उसमें ऐसे पदार्थ मिलाये गये हों जो कि स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो ।
(v) किसी भी कारणवश भोज्य पदार्थों के गुण मानक से निचले स्तर के हों । मिलावटी भोज्य पदार्थ हानिकारक होते हैं क्योंकि ये विषाक्त होते हैं और स्वास्थ्य को प्रभावित करते है तथा वृद्धि व विकास के लिये आवश्यक पदार्थो से वंचित होते हैं ।
कभी-कभी भोज्य पदार्थों की कमी होने पर, भोज्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से, ग्राहक की माँग नाना प्रकार के पदार्थों के लिये अधिक होना, अज्ञानता, लापरवाही, आलसीपन, भोजन से सम्बन्धित कानून का ठीक प्रकार से लागू न होने आदि कारणों से भी व्यापारियों को मिलावट करने का प्रोत्साहन मिलता है ।
भोज्य पदार्थों में मिलावट के कारण (Causes of Food Adulteration):
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(1) बाढ़, भूख, अकाल, युद्ध तथा जनसंख्या में वृद्धि के कारण खाद्य पदार्थों की कमी हो जाती है, अत: इन समयों पर भोज्य पदार्थों में अधिक मिलावट की जाती है । इसका अर्थ है कि किसी वस्तु की माँग अधिक होने पर व्यापारी वर्ग लाभ कमाने के लिए मिलावट करते हैं ।
(2) आजकल मसाले के पाउडर का प्रचलन अधिक है । अत: इनकी माँग अधिक होने पर इनमें मिलावट की जाती है । चाय व कॉफी की अधिक माँग होने के कारण इनमें सबसे अधिक मिलावट होती है ।
(3) कुछ भोज्य पदार्थ ऐसे हैं जिनमें मिलावट करना अत्यंत आसान है; जैसे: मूँगफली के तेल में आर्जीमोन तेल (Argemone oil), दूध में पानी, देशी घी में चर्बी आदि ।
(4) आजकल लोगों के चरित्र का पतन भी शीघ्रता से हो रहा है तथा माँग अधिक होने व रुपये का मूल्य कम होना मिलावट के लिए उत्तरदायी है । व्यापारी वर्ग खराब सामान बेचकर अधिक से अधिक रुपये कमाना चाहते हैं ।
इस प्रकार का कार्य करने पर भी व्यापारी वर्ग को किसी प्रकार की सजा नहीं मिलती है तथा वे निडर होकर मिलावट करते हैं व लोगों की जान से खिलवाड करते हैं । कुछ मिलावटी पदार्थ मानव के लिए अति हानिकारक होते हैं जैसे-आर्जीमोन तेल, ईपीडेमिक ड़ाँप्सी (Epidemic dropsy) तथा सभी खाने वाले तेलों में टारसरी फॉस्फेट (Tertiary phosphate) की मिलावट से लकवा (Paralysis) मृत्यु भी हो जाती है ।