विज्ञान के चमत्कार | Article on “The Miracles of Science” in Hindi Language!
प्रस्तावना:
आवश्यकता आविष्कार की जननी है । अनादि काल से मानव को जिन-जिन चीजों की आवश्यकता होती गयी, उनको पाने के लिए वह खोज करता रहा है । इन नये तरीके व आविष्कारो ने ही विज्ञान को जन्म दिया ।
फलत: आज विज्ञान की इतनी प्रगति हुई है कि इसको चमत्कार कहना अत्युक्ति नहीं होगी, क्योकि विज्ञान ने जीवन के हर क्षेत्र में आश्चर्यजनक आविष्कार करके चमत्कार पैदा कर दिया है । प्रतिदिन होने वाले वैज्ञानिक आविष्कार संसार में नूतन क्रान्ति कर रहे है ।
अर्थ व अभिप्राय:
विज्ञान शब्द ‘वि+ज्ञान’ से बना है । जिसमे ‘वि’ उपसर्ग लगा है । ‘वि’ का अर्थ है विशेष, अर्थात् दुनिया का विशेष ज्ञान । विशेष ज्ञान उसको कहते हैं जो किसी भी कल्पना व अन्ध-विश्वास पर टिका हुआ नहीं है ।
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विज्ञान किसी सम्भावना को उस समय तक स्वीकार नहीं करता जब तक कि कोई कारण बुद्धि के सामने प्रत्यक्ष न आ जाए । विश्वसनीय वही है जिसका प्रयोगात्मक अध्ययन सम्भव है । प्रयोग पर प्रमाणिकता का सिद्ध होना इसकी सबसे बड़ी कसौटी है ।
विज्ञान के क्षेत्र:
विज्ञान ने जितनी प्रगति इस शताब्दी में की उतनी उससे पहले नहीं की । इस शताब्दी में विज्ञान ने हर क्षेत्र में चमत्कार पैदा कर दिया है । फ्रांस, जापान, जर्मनी, इंग्लैण्ड, रूस, अमेरिका आदि देशों ने विभिन्न क्षेत्रों मे आश्चर्यजनक आविष्कार करके विज्ञान को उन्नति के शिखर पर पहुँचा दिया है ।
यातायात के क्षेत्र में:
जिस क्षेत्र की यात्रा मानव दिनों व महीनों में करता था, अब उसको घण्टो में करने में सक्षम हो गया है । मोटर कार, रेलगाड़ी, बस, हवाई जहाज, पानी के जहाज आदि यातायात के प्रमुख सा धन हैं । इन साधनो ने सारे विश्व को सीमित कर एक सूत्र में बाँध दिया है । अब सम्पूर्ण विश्व एक राष्ट्र-सा लगने लगा है ।
शक्ति के साधनों का विकास:
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पहले मानव शक्ति व पशु शक्ति से ही सारे काम सम्पन्न होते थे । आज भाप, खनिज तेल, कोयला व बिजली ने मानव को असीमित शक्ति प्रदान की है । बिजली के आविष्कार ने चहु ओर चकाचौंध कर दिया है । बिजली एक ओर हमें शक्ति प्रदान करती है तथा दूसरी ओर प्रकाश देकर रात्रि को दिन के समान जाज्वल्यमान कर देती है ।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान:
चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने मानव को एक नूतन जीवन प्रदान किया है । जिन असाध्य रोगो व महामारियों को मानव प्रकृति का प्रकोप व अभिशाप मानकर चुपचाप सहन करता था, उनको विज्ञान ने मानो चुटकी मे भगा दिया है । हैजे, चेचक, प्लेग जैसी महामारियों को विज्ञान ने समूल उखाड़ कर फैंक दिया है ।
इंजैक्शन, एक्सरे, रेडियम एव विद्युत चिकित्सा ने मरे हुए मानव को प्राण दान दिया है । शल्य चिकित्सा द्वारा मानव ने अद्भुत व आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त की है । रोगी के शरीर को चीर-फाड़ कर उस पर कृत्रिम अवयवों को जोड़कर, एक अद्भुत उपचार किया है ।
संचार के क्षेत्र में:
संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान द्वारा अद्भुत प्रगति हुई है । पहले किसी समाचार को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने मे दिनो व महीनो लगते थे आज उस समाचार को पहुँचने में मिनट या सेकिण्ड लगते हैं । विश्व के किसी भी क्षेत्र में घटित घटना सारे विश्व में बिजली की तरह मिनटो में फैल जाती है ।
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इस दिशा में रेडियो व टेलीविजन ने आशातीत सफलता प्राप्त की है । विश्व की घटनाओं को रेडियो व टेलीविजन प्रसारित करते हैं ।
हथियारों के क्षेत्र में:
आधुनिक युग में तोप, बम, टैंक, प्रक्षेपास्त्रों द्वारा युद्ध होता है । बमवर्षक विमानों ने युद्ध में अद्भुत भूमिका निभायी है । अन्तर्महाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र जिनकी मार 10000 किलो मीटर तक है, विश्व को पूर्ण विनाश की ओर ले जा रहा है । रूस, अमेरीका, चीन, ब्रिटेन ने इस दिशा में प्रचुर प्रगति की है । अणु बम, उदजन बम तो विनाश का ही पर्याय है ।
मनोरंजन के साधनों में विकास:
मनोरंजन करना मानव की स्वाभाविक प्रकृति है । विज्ञान की प्रगति के साथ मनोरंजन के साधनो में भी प्रगति हुई है । चलचित्र, वीडियो, दूरदर्शन, नवीन खेले आदि मनोरंजन के आधुनिक वैज्ञानिक साधन है । आज का मानव घर बैठे दूरदर्शन पर फिल्म देखकर अपना भरपूर मनोरंजन कर लेता है ।
बिज्ञान अभिशाप के रूप में:
किसी चीज की अति भी नाश का कारण बनती है । विज्ञान ने जो भी नूतन साधन मनुष्य को उपलब्ध कराये, वे सब उसकी सुविधा के लिए ही हैं, परन्तु यदि उनका प्रयोग अधिक व अनुचित ढंग से किया जाए तो वह हमारे लिए घातक सिद्ध हो जाते है ।
यातायात के साधनों ने जहाँ मनुष्य के समय की काफी बचत की, वहाँ उससे अनेकानेक दुर्घटनाएँ भी होती रहती हैं । आये दिन विमान, रेलगाड़ी, बसों की दुर्घटनाओं से हजारों प्यक्ति एक क्षण मे ही मौत के घाट पहुंच जाते हैं । आजकल इन साधनो ने मानव का जीवन बिकुल क्षणिक बना दिया हे । बिजली ने आज मानव को अपना दास बना लिया है ।
प्रत्येक दैनिक व्यवहार के कार्य बिजली से ही सम्पादन होते हैं । थोड़ी-सी असावधानी से भयकर दुर्घटना हो जाती है । वैज्ञानिक प्रगति का सबसे बड़ा अभिशाप अत्याधुनिक अस्त्र-शास्त्रों का आविष्कार है । पहले के युद्धो मे केवल सेना को नुकसान पहुंचाया जाता था, परन्तु अब ऐसे शस्त्रों का निर्माण हो गया है जिनसे अबोध जनता, पशु-पक्षी, सारा प्राणी जगत मृत्यु के मुँह में पहुंच जाता है ।
उपसंहार:
विज्ञान हमारे लिए वरदान भी है एवं अभिशाप भी है । विज्ञान ने जिन साधनो का भी आविष्कार किया वह हमारे लिए वरदान ही सिद्ध हुए है किन्तु यदि हम उन साधनों का अनुचित उपयोग करते है तो वही हमारे लिए अभिशाप बन जाते है । विनाशकारी आयुधो पर रोक लगनी चाहिए । इस प्रकार मानव को अपने आपको बचाने के लिए विज्ञान को वरदान के रूप में उपयोग करना चाहिए ।