Read this article in Hindi to learn about nuclear accidents and nuclear holocaust.
मानव ने नाभिकीय ऊर्जा का विकास जीवाश्म ईंधनों के मुकाबले ऊर्जा के एक स्वच्छ और सस्ते विकल्प के रूप में किया था । ऐसा हुआ अवश्य, पर नाभिकीय ऊर्जा के लाभों के साथ उसके दुष्परिणाम भी सामने आए । नाभिकीय ऊर्जा के संक्षिप्त इतिहास में ऐसी अनेक दुर्घटनाएँ हुई हैं जो विनाशकारी प्रभावों के हिसाब से प्राकृतिक विपत्तियों या ऊर्जा के दूसरे स्त्रोतों के दोहन से होने वाली विपत्तियों से बहुत आगे निकल गईं हैं ।
एक अकेली नाभिकीय दुर्घटना भी बड़े पैमाने पर और बहुत ही लंबे अरसे के लिए जीवन की हानि, रोगों और संपत्ति के विनाश का कारण बनती है । रेडियोधर्मिता से प्रभावित क्षेत्र में दशकों बाद तक कैंसर, प्रजनन संबंधी दोष आदि पाए जाते हैं और आनेवाली पीढ़ियाँ भी प्रभावित होती हैं ।
युद्ध में नाभिकीय ऊर्जा के प्रयोग ने मनुष्य और पृथ्वी पर विध्वंसक प्रभाव डाला है । युद्ध के इतिहास में नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग के अकेले उदाहरण में अमरीका ने जापान के नगरों हिरोशिमा और नाकासाकी पर 1945 में दो परमाणु बम गिराए । इन दो बमों ने हजारों की जानें लीं, कई हजार को घायल किया और मीलों तक सब कुछ मिटा डाला । प्रभावित बच्चों और दुर्घटना से बचे व्यक्तियों में कैंसर और प्रजनन संबंधी विकारों के रूप में इन नाभिकीय बमों के विकिरण के प्रभाव आज भी देखे जा सकते हैं ।