Read this essay in Hindi language to learn about cancer and its prevention.
कैंसर का कारण असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि और प्रसार है जिससे शरीर का लगभग कोई भी ऊत्तक प्रभावित हो सकता है । फेफड़े, कोलन, मलाशय और पेट के कैंसर स्त्री-पुरुष दोनों के लिए दुनिया के सबसे आम पाँच कैंसरों में शामिल हैं । फेफड़ों और पेट के कैंसर दुनियाभर में पुरुषों के सबसे आम कैंसर हैं ।
स्त्रियों में प्रायः छाती और ग्रीवा के कैंसर हैं । भारत में मुँह (oral) और ग्रसनीशोध (pharyngeal) के कैंसर सबसे आम हैं; इनका संबंध तंबाकू चबाने से है । दुनिया में हर साल एक करोड़ से अधिक व्यक्ति कैंसर से ग्रस्त पाए जाते हैं । अनुमान है कि 2020 तक हर साल 15 लाख नए रोगी जुड़ते रहेंगें । कैंसर से दुनिया में हर साल 60 लाख मौतें होती हैं जो कुल मौतों की 12 प्रतिशत हैं ।
अनेक कैंसरों के होने का कारण हमें पता है । इसलिए कैंसर के कम से कम एक-तिहाई मामलों की रोकथाम संभव है । धूम्रपान बंद करके, स्वास्थ्यकर भोजन करके और कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों (carcinogens) के संपर्क से बचकर इनकी रोकथाम की जा सकती है ।
ADVERTISEMENTS:
अन्य एक-तिहाई मामलों में शीघ्र निदान और कारगर इलाज, संभव है । सामान्य रूप से होनेवाले कैंसरों का इलाज शल्यक्रिया, केमोथैरेपी (दवाओं) और रेडियोथैरेपी (एक्स-रे) से किया जा सकता है । कैंसर का निदान अगर आरंभ में ही हो जाए तो इलाज की संभावना बढ़ जाती है ।
कैंसर का निरोध और नियंत्रण निम्न उपायों पर आधारित है:
i. व्यापक राष्ट्रीय कैंसर-नियंत्रण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और उन्हें मजबूत बनाना ।
ii. कैंसर नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्कों और भागीदारियों का निर्माण ।
ADVERTISEMENTS:
iii. ग्रीवा और छाती के कैंसर के जल्द निदान के लिए संगठित और साक्ष्यों पर आधारित हस्तक्षेपों को बढ़ावा देना ।
iv. रोग और कार्यक्रम के प्रबंध के बारे में मार्गदर्शक सिद्धांतों का विकास ।
v. ठीक हो सकनेवाले ट्यूमरों के कारगर इलाज के लिए एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण की पैरवी ।
vi. दर्द से आराम और उपशामक देखभाल की विश्वव्यापी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कम लागतवाले उपायों का प्रयोग ।
ADVERTISEMENTS:
कैंसर की रोकथाम (Prevention of Cancer):
धुम्रपान दुनियाभर में कैंसर का अकेला सबसे बड़ा कारण है, हालाँकि इसकी रोकथाम की जा सकती है । धुम्रपान से फेफड़ों का कैंसर होता है जिससे 80-90 प्रतिशत मौतें होती हैं । इसके अलावा, खासकर विकासशील देशों में, अन्य 30 प्रतिशत मौतें मुँह, टेंटुआ, ग्रासनली और पेट के कैंसर से होती हैं जिनका संबंध तंबाकू चबाने से है । तंबाकू के विज्ञापन और प्रयोग पर प्रतिबंध., तंबाकू से बनी वस्तुओं पर कर में बढ़ोत्तरी, और तंबाकू के उपयोग में कमी के लिए शैक्षिक कार्यक्रम रोकथाम के उपायों में शामिल हैं ।
भोजन में सुधार कैंसर-नियंत्रण का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है । व्यक्तियों में भारीपन और मोटापे को ग्रासनली, कोलन, गुदा, स्तन, गर्भाशय और गुर्दे के कैंसर से संबंधित पाया गया है । फल और सब्जियाँ अनेक कैंसरों से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं । लाल और बर्फ में रखे गए मांस के अधिक सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा होता है ।
विकासशील देशों में 22 प्रतिशत और औद्योगिक देशों में 6 प्रतिशत कैंसर मौतों का संबंध संक्रमण फैलानेवाले कीटों से है । हेपेटाइटिस बी और सी के विषाणु जिगर का कैंसर पैदा करते हैं । मनुष्यों में papilloma विषाणु ग्रीवा का कैंसर पैदा करता है । जीवाणु Helicobacter pylori (H. pylori) पेट के कैंसर का खतरा बढ़ाता है । कुछ देशों में परजीवियों से होनेवाला छूत (schistosomiasis) मूत्राशय के कैंसर का खतरा बढ़ाता है । जिगर का पर्णकृमि पित्तवाहिनी के कैंसर का जोखिम बढ़ाता है ।
टीकाकरण और छूत की रोकथाम इलाज के उपायों में शामिल हैं । सूरज का अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण त्वचा में हर प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ाता है । लंबे समय तक धूप के संपर्क से बचना तथा पर्दों और सुरक्षात्मक कपड़ों का प्रयोग करना रोकथाम के कारगर उपाय हैं ।
एस्बेस्टस को फेफड़े के कैंसर का कारण समझा जाता है । एनिलीन रंगों का संबंध मूत्राशय के कैंसर से रहा है । बेंजीन ल्युकोमिया (रक्त कैंसर) का कारण हो सकती है । व्यवसाय और पर्यावरण में अनेक रसायनों के संपर्क से बचना कैंसर की रोकथाम का एक महत्वपूर्ण तत्व है ।