कम्प्यूटर का महत्त्व । “Computer and Its Importance” in Hindi Language!
1. प्रस्तावना ।
2. आविष्कार ।
3. भारत में कम्प्यूटर क्रान्ति-विभ्न्न क्षेत्रों में ।
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4. कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली ।
5. उपसंहार ।
1. प्रस्तावना:
वर्तमान युग को यदि कम्प्यूटर का युग कहा जाये, तो अतिशयोक्ति न होगी । आने वाले कुछ वर्षो में कम्प्यूटर प्रत्येक घर में टी॰वी॰ की तरह ही दिखाई देगा । आज किसी भी कार्य के लिए कम्प्यूटर एक तरह से अनिवार्य सा हो गया है ।
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में, व्यवसाय, उद्योग, बीमा, नौकरी, शिक्षा, बैंक, रेल, हवाई, यातायात, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सूचना तकनीक सर्वत्र कम्प्यूटर का बोलबाला है । सच तो यह है कि कम्प्यूटर आम जनता के काम की चीज बन गया है ।
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आज कम्प्यूटर क्रान्ति पूर्ण प्रकर्ष पर है । भारत में एक नया अध्याय ‘कम्प्यूटर क्रान्ति’ जुड़ गया है । कम्प्यूटर ने हमारे बौद्धिक सम्प्रदाय को एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है । कम्प्यूटर एक ऐसा सोपान है, जिस पर चढ़कर हम अपना सिर उठाये हुए 21वीं सदी की बातें कर सकते हैं तथा कह सकते हैं कि हम 21वीं शताब्दी में पूर्ण स्वाभिमान के साथ प्रवेश करने की क्षमता रखते हैं ।
2. आविष्कार:
भारत में कम्प्यूटर का निर्माण 1966 में टाटा मूलभूत शोध संस्थान बम्बई द्वारा किया गया । तत्पश्चात् भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र ने इस कार्य को आगे बढ़ाया तथा इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया, हैदराबाद ने कम्प्यूटर का बड़े पैमाने पर निर्माण करके इसे व्यापारिक स्तर पर उपलब्ध कराया ।
इस प्रकार भारत में कम्प्यूटर क्रान्ति को सशक्त दिशा प्रदान की गयी । ‘चार्ल्स बेबेज’ ने 19वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सर्वप्रथम पहला कम्प्यूटर निर्मित किया, जो लम्बी गणनाएं करके परिणामों को मुद्रित भी कर सकता था । कम्प्यूटर कें-प्रयोग के फलस्वरूप अधिकाधिक व्यक्तियों को रोजगार की प्राप्ति होगी । कृषि के क्षेत्र में भूमि का परीक्षण करने के लिए कम्प्यूटर कारगर साबित होगा ।
3. भारत में कम्प्यूटर क्रान्ती:
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कम्प्यूटर के प्रयोग ने भारत में कई कार्यक्षेत्रों में क्रान्तिकारी परिवर्तन करेदुदिये हैं । लोकसभा तथा विधानसभाओं में पिछले चुनावों में सत्ताधारी दल के द्वारा कम्प्यूटर का प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया । कम्प्यूटर ने चुनाव परिणामों का विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ।
जितनी शीघ्रता से जनता के पास चुनाव परिणामों का विश्लेषण पहुंचाया गया था, उसकी सभी ने सराहना की है । सूचना व प्रसारण के क्षेत्र में भी कम्प्यूटर तकनीकी की सहायता से आकाशवाणी तथा दूरदर्शन जैसे माध्यमों की कार्यप्रणाली को विकसित करके उन्हें अधिक सक्षम व प्रभावशाली बनाया जा रहा है ।
वाणिज्य एवं उद्योग में वर्ष 1959 में कम्प्यूटर के लिए कोबाल भाषा का उदय हुआ और उसके बाद वाणिज्य में कम्प्यूटर का उपयोग किया जाने लगा । बैंकों में कम्प्यूटर का इस्तेमाल खास किया जा रहा है । भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित एक समिति की सिफारिश के अनुसार बैंकों को कम्प्यूटर द्वारा जोड़ना सुनिश्चित हुआ ।
इन पर सफल नियन्त्रण के लिए कम्प्यूटर की सेवाएं प्राय: बैंकों के मुख्यालयों में बड़े पैमाने पर दी जा रही हैं । राष्ट्रीयकृत बैंकों के मुख्यालयों में बड़े कम्प्यूटर लगाये जायेंगे । योजना के प्रथम चरण में 24 बैंकों की शाखाओं की सुविधा के लिए 2,000 माइक्रो प्रोफेसर लगाये जायेंगे ।
i.. शिक्षा के क्षेत्र में:
शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है । इस क्षेत्र के लिए इसका प्रयोग बहुआयामीय तथा बहुउपयोगी है ।
(a) Vocational Course: लम्बी छुट्टी में स्कूली छात्रों के लिए पाठ्यक्रम है ।
(b) Certificate Course in Basic Computer: यह पाठ्यक्रम दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर लेने वाले छात्रों के लिए है ।
(C) Post Graduate Diploma in Computer Programing and system analysis: यह स्नातकों के लिए है ।
ii.. शासकीय कार्यालय एवं प्रशासन के लिए:
कम्प्यूटर का प्रयोग शासकीय एवं कार्यालयीन कार्यो को निपटाने हेतु देश के कई भागों में बड़े दफ्तरों में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है । इस प्रयोग को आशातीत सफलता भी मिली है ।
सांख्यिकीय विभागों के आकड़ों का विश्लेषण अध्ययन कम्प्यूटर की सहायता से बहुत शीघ्र एवं सरलता से प्रस्तुत कर दिया जाता है । उनके परिणामों के पूर्वानुमान लगाने में भी कुछ कम्प्यूटर सहायक सिद्ध होते हैं । केन्द्रीय सरकार के सहयोग से मध्यप्रदेश सरकार ने अपने यहां कई दफ्तरों में कम्प्यूटर लगाये हैं । इनमें-एसिल 333 कम्प्यूटर भी शामिल है, जो इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया से खरीदा गया है ।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उसमें भी अनेक योजनाओं में कम्प्यूटर का सहयोग प्राप्त हुआ है । राज्य सरकार इसकी शिक्षा पर जोर देने के लिए कई निःशुल्क संस्थाओं को उपलब्ध करा रही है । प्रधानमन्त्री के कार्यालय में 50 हजार डॉलर का एक कम्प्यूटर लगा हुआ है, जिसका प्रथम प्रयोग नवम एशियाड के अवसर पर किया जा चुका है ।
iii.. चिकित्सा के क्षेत्र में:
आज चिकित्सा के क्षेत्र में जितने भी परिवर्तन हुए हैं और हो रहे हैं, इन सबका आधार कम्प्यूटर ही है । हृदयगति का परीक्षण तथा दवा के चयन हेतु होम्योपैथी के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है ।
फ्रांस के प्रख्यात चिकित्सक फ्रांकोई पेपचा ने सर्वप्रथम कोर्निया के विभिन्न रोगों के नियम के सन्दर्भ में कम्प्यूटर का उपयोग किया था । जून 1988 में सम्पन्न हुई भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री राजीव गांधी की अमेरिका यात्रा के मध्य वहां के वैज्ञानिक ने मस्तिष्क की शल्यक्रिया को कम्प्यूटर रोबोट द्वारा प्रस्तुत किया था । इस पद्धति को भारत में भी लागू करने की घोषणा हमारे प्रधानमन्त्री कर चुके हैं ।
iv. डाक व तार विभाग के क्षेत्र में:
कम्प्यूटर का प्रयोग केवल शिक्षण के लिए या शासकीय कार्य के लिए नहीं है, वरन् उसका प्रयोग डाक व तार विभाग से भी है । डाक एवं तार विभाग की व्यवस्था को अधिक सक्षम और कुशल बनाने हेतु विभाग का प्रथम कम्प्यूटर बंगलौर में लगाया गया, जिसका उपयोग दस लाख पॉलिसियों व खातों के नियन्त्रण में भी किया जा रहा है । इस प्रकार कम्प्यूटर का प्रयोग डाक व तार विभाग के लिए भी लाभकारी सिद्ध हुआ है ।
v.. पुलिस, सेना एवं न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में:
पुलिस, सेना एवं न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में कम्प्यूटर के योगदान को सभी स्वीकार करते है । कम्प्यूटर की सहायता से अनेक अपराधों का पता लगाया जा सकता है । अपराधों की चौकसी के लिए सभी राज्यों के पुलिस मुख्यालयों में लगे कम्प्यूटर को दिल्ली स्थित राज्य कम्प्यूटर केन्द्र से जोड़ा गया है ।
इससे अपराधियों और उनके उंगलियों के निशानों के बारे में जानकारी पूरे देश में बहुत ही कम समय में पहुंचाई जा सकेगी । ट्रेफिक कन्द्रोल कर कम्प्यूटर अपनी महती भूमिका अदा कर ही रहा है । अदालती कार्यो में तेजी लाने हेतु कम्प्यूटर की महत्ता को सभी ने स्वीकार कर लिया है ।
कम्प्यूटर क्रान्तिकारी परिस्थितियां उत्पन्न कर चुका है । भारतीय सेना की नवीन नीतियों व उनके पूर्वानुमान में कम्प्यूटर का उपयोग होने लगा है । इस सन्दर्भ में यह बता देना आवश्यक है कि एडा भाषा के विकास के साथ ही सेना में कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ गया है ।
vi.. व्यावहारिक जीवन में:
आज कम्प्यूटर ने व्यावहारिक जीवन में भी अपनी महत्ता को सिद्ध कर दिया है । कम्प्यूटर ने जहां कार्यक्षमता को बढ़ा दिया है, वहीं कम्प्यूटर की सहायता से उपयुक्त जीवनसाथी का चयन भी किया जा रहा है । कम्प्यूटर की ये प्रतिभा बहुत ही विलक्षण है । इसके माध्यम से मनपसन्द वर या वधू घर बैठे ही चयनित किये जा सकेंगे, जिससे विवाह सम्बन्धी जटिलता को कुछ हद तक कम किया जा सकेगा ।
4. कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली:
कम्प्यूटर के नेटवर्क को ‘इन्टरनेट’ कहा जाता है । इन्टरनेट से जुड़े कम्प्यूटर को अपनी आवश्यकता के अनुरूप दूसरे कम्प्यूटर से सूचना ले सकने की सुविधा प्राप्त होती है । इस प्रकार सभी देशों के लोग इन्टरनेट सुविधा के द्वारा पारस्परिक सूचनाओं एवं आकड़ों का आदान-प्रदान कर सकते हैं । इन्टरनेट पर समाचार भी उपलब्ध है तथा सूचनाओं का अथाह भण्डार विभिन्न वेबसाइट पर प्राप्त है ।
कम्प्यूटर का प्रागतत्व है-माइक्रोचिप्स पर अंकित सूचनाएं । यह इनका यापटवेयर है । आज भारत कम्प्यूटर के सापटवेयरों के निर्माण में विश्व के अग्रणी देशों में से एक है । भारत में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में कम्प्यूटर प्रोग्रामर एवं ज्ञान-विज्ञान के जानकार लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिनकी विदेशों में भी मांग है ।
5. उपसंहार:
कम्प्यूटर का निर्माण भी मानव मस्तिष्क ने किया है । कम्प्यूटर मानव मस्तिष्क से ऊपर तो नहीं हो सकता । यह व्यवहार से भले ही बुद्धि को पराजित कर दे । अन्तत: मानव बुद्धि का लोहा तो उसे मानना ही पड़ेगा । कम्प्यूटर चाहे कुछ भी कर ले, वह मानवीय अनुभूतियों, संवेदनाओं, विवेक, चिन्तन का स्त्रोत नहीं बन सकता ।
यही मनुष्य की विशेषता है, जो उसे यन्त्र से अलग पहचान देती है । कुछ भी हो, कम्प्यूटर के प्रयोग से आशंकित नहीं होना चाहिए, अपितु इसका प्रयोग आवश्यकतानुसार करना चाहिए । तभी हम इक्कीसवीं सदी में मजबूती से अपने पैर जमा सकेंगे । इस प्रकार हमें अधिक-से-अधिक क्षेत्रों में कम्प्यूटर को प्रसारित करने का कार्य करना चाहिए ।