विद्यालय का वार्षिकोत्सव । Article on Annual Function of School in Hindi Language!
हमारे समाज में जो स्थान धार्मिक त्यौहारों का है वही स्थान हमारे जीवन में राष्ट्रीय त्यौहारों का है । अध्ययन के दौरान मनाया जाने वाला उत्सव विद्यालय का वार्षिकोत्सव है । यह विद्यालय की उन्नति और प्रगति का परिचायक है । शिक्षक और छात्र दोनों के लिए यह पर्व हर्ष और उल्लास का है ।
हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यालय की स्थापना दिवस पन्द्रह जनवरी को मनाया जाता है । हालांकि कुछ विद्यालय अपना वार्षिकोत्सव किसी पर्व या त्यौहार पर मनाते हैं । हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव हमेशा पन्द्रह जनवरी को ही मनाया जाता है । इसकी तैयारी एक माह पूर्व से ही शुरू हो जाती है ।
जिन छात्रों ने पीटी या परेड में भाग लेना होता है उन्हें कई दिन पूर्व से ही अभ्यास शुरू करा दिया जाता है । इसी प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत किये जाने वाले नृत्य संगीत की तैयारी भी कई दिन पूर्व ही शुरू हो जाती है । स्कूल के प्रधानाचार्य से लेकर छात्र तक उत्सव की तैयारी में जुटे रहते हैं ।
ADVERTISEMENTS:
पन्द्रह जनवरी को स्कूल का भवन दुल्हन की तरह सजा हुआ था । स्कूल के सभागार में आमंत्रित अतिथियों व शिक्षा अधिकारियों के बैठने के लिए मंच पर विशेष व्यवस्था की गई थी । छात्रों व उनके अभिभावकों के बैठने के लिए भी कुर्सियां लगी हुई थीं । प्रात: साढ़े नौ बजे झण्डारोहण के बाद उत्सव शुरू होना था । नौ बजते-बजते अतिथियों व अभिभावकों का आगमन शुरू हो गया ।
कुछ छात्र जिनकी ड्यूटी अतिथि सत्कार में लगी हुई थी वे आने वाले अतिथि को सम्मान सहित मुख्य द्वार से लाते और उन्हें सीट पर बिठाकर चले जाते । ठीक साढ़े नौ बजे वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री महोदय पधारे । एन. सी. सी. कैडिटों की परेड व स्कूली बैण्ड द्वारा उन्हें सलामी दी गई और उनका स्वागत किया गया । उनकी आगवानी स्कूल के प्रधानाचार्य ने की ।
शिक्षा मंत्री द्वारा झण्डारोहण करने के बाद वार्षिकोत्सव की शुरूआत हुई । सर्वप्रथम प्रधानाचार्य जी ने मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री सहित अन्य अतिथियों का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया । इसके बाद स्कूल की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने विद्यालय की गत एक वर्ष की उपलब्धियों व कार्यकलापों का ब्यौरा रखा ।
इसके बाद सरस्वती वन्दना से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत हुई । स्कूली बच्चों द्वारा इस अवसर पर दो नाटकों का मंचन किया गया । जिनमें एक नाटक दहेज की बुराई को उजागर करने वाला था । और दूसरा नाटक एकता व भाईचारे को बढ़ावा देने वाला था ।
ADVERTISEMENTS:
दोनों नाटक मंचित होने के बाद नृत्य व संगीत का कार्यक्रम शुरू हुआ । इसमें कुछ स्कूली बच्चों ने ऐसा समा बांधा कि अतिथि लोग बच्चों की प्रतिभा को देख दंग रह गये । हास्य कवि सम्मलेन में बाल कवियों द्वारा सुनाई गयी व्यंग्य रचनाओं में अपनी रचनाओं से उपस्थित लोगों को हंसा-हंसा कर लोगों के पेट में दर्द कर दिया ।
ये कार्यक्रम चलते-चलते शाम के चार बज गये थे । इसके बाद पीटी मार्च, ऊँची कूद, लम्बी दौड़ सहित कई खेलों का प्रदर्शन स्कूली छात्रों ने किया । कार्यक्रम के अंत में शिक्षा मंत्री ने वार्षिकोत्सव को लेकर स्कूल की प्रबंध समिति, प्रधानाचार्य तथा विद्यार्थियों की प्रशंसा की ।
उन्होंने प्रधानाचार्य को यह कहते हुए बधाई दी कि आपका स्कूल तो प्रतिभा का खजाना है । इसके बाद शिक्षा मंत्री सहित अन्य गणमान्य अतिथि द्वारा दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया ।
इनके अलावा अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों व शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया । राष्ट्रगान के साथ वार्षिकोत्सव सम्पन्न हो गया । इसके बाद जलपान की व्यवस्था की गई थी । बच्चों ने जलपान किया और अपने-अपने घरों को लौट गये ।