फुटबाल का एक मैच पर अनुच्छेद । Article on “A Football Match” in Hindi Language!
मैच खेल-कूद का एक अनिवार्य अंग हैं । मैच से प्रतिस्पर्द्धा की भावना एवं क्रीडा कौशल को बढ़ावा मिलता है । इसके अतिरिक्त खेलों में मैच होने से खिलाड़ियों को एक दूसरे से मिलने का मौका मिलता है ।
जिससें खिलाड़ी न केवल खेलते हैं और अपने शारीरिक सामर्थ्य का प्रर्दशन करते हैं बल्कि विचारों का भी आदान-प्रदान करते हैं एवं आपस में मेल-जोल को बढ़ावा मिलता है । हाल ही में मुझे एक फुटबाल मैच देखने का अवसर प्राप्त हुआ । यह मैच खालसा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैवडियन एवं डी.ए.वी. उच्च माध्यमिक विद्यालय दिल्ली के मध्य था ।
यह मैच एस एन कॉलेज के खेल के मैदान में खेला गया । पूरा मैदान साफ सुथरा एवं सजा हुआ था । किनारों पर कुर्सियाँ लगी थी एवं शेष मैदान दर्शकों के लिये खुला था । दोनों टीम पूरे जोश में थी । उन्होंने बहुत चुस्त और साफ वस्त्र पहन रखे थे । दोनों ही बराबर की मजबूत लग रही थीं ।
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दर्शकों को एक बढ़िया और संघर्ष पूर्ण मैच की उम्मीद थी । मैदान एवं इसके निकट स्थल दर्शकों से खचाखच भरे हुये थे । मैच ठीक पाँच बजे प्रारम्भ हुआ । डी.ए.वी. की टीम ने टॉस जीता एवं अपनी मनपसन्द जगह चुन ली । शीघ्र ही रेफरी ने सीटी बजायी एवं मैच प्रारम्भ हुआ ।
दोनों गोल करना चाहते थे । पहले कुछ मिनटों में डी.ए.वी. की टीम ने बेहतर खेला । उन्होंने अपनी प्रतियोगी टीम की प्रतिरक्षा को बेध दिया किन्तु कोई गोल नहीं कर पाये उनके शानदार प्रदर्शन ने खालसा विद्यालय की टीम को पशोपश में डाल दिया ।
जिससे अपरिपक्व खेल प्रारम्भ हुआ जैसे बतरतीब गेंदों को प्रतिक्षेप करना । किन्तु कप्तान ने हिम्मत नहीं हारी व अपनी टीम का हौसला बढ़ाया । टीम में नवीन जान पड़ गयी । खालसा टीम ने अपनी खोयी स्थिति पुन: प्राप्त कर ली एवं एकदम उन्होंने एक गोल कर दिया ।
गोल होते ही मैदान तालियों की आवाज से गूँज उठा । उनके समर्थकों ने पूरी टीम की वाहवाही करी । उसी बीच डी.ए.वी. का राइट हॉफ घायल हो गया एवं कप्तान को पूरे खेल के बीच दोहरी जिम्मेवारी निभानी पड़ी । शीघ्र ही रेफरी ने एक लम्बी सीटी बजा कर खेल के पहले आधे हिस्सा के समाप्ति की घोषणा की ।
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तब खिलाड़ियों ने विश्राम किया एवं हल्का-फुल्का नाश्ता लिया । खेल के मैदान में बहुत शोर था क्योंकि दोनों टीम के समर्थक अपनी-अपनी टीम का हौसला बढ़ाने उनके पास पहुँच गये । पुन: रेफरी ने सीटी बजाई एव मैच प्रारम्भ हुआ अब डी.ए.वी. टीम के खिलाड़ियों ने कमर कस ली और सावधानी से खेलने लगे ।
डी.ए.वी. टीम का गोल रक्षक भी चौकन्ना हो गया । पहले कुछ क्षणों में खालसा टीम ने डी.ए.वी टीम पर दबाव बनाये रखा उनके लेफ्ट हॉफ ने एक के बाद एक तीन बार डी.ए.वी. के गोल पर हिट किया किन्तु डी.ए.वी. के गोल रक्षक ने आश्चर्यजनक तेजी से गेंद को बाहर फैंक बचाव किया ।
इस बीच डी.ए.वी. टीम ने अपनी प्रतियोगी टीम की ओर गेंद बढ़ाई उनके लेफ्ट हॉफ ने राइट हॉफ को पास दिया एवं राइट हॉफ ने बॉल को पलक झपकते ही सीधा गोल में भेज दिया । और इस तरह गोल हो गया । अब खेल बराबर हो गया । इससे डी.ए.वी. टीम को विशेष प्रसन्नता हुई और उनमें नये उत्साह का संचार हुआ ।
उनके सर्मथकों ने जोरों शोरों से उनका उत्साह वर्धन किया और उनकी प्रशंसा में तालियाँ बजाईं । खेल अब नाजुक स्थिति से गुजर रहा था प्रत्येक पक्ष अपनी ओर से गोल करने का पूरा प्रयत्न कर रहा था । शीघ्र ही समय समाप्त हो गया । खालसा टीम द्वारा डी.ए.वी. टीम पर गोल करने से उतेजक समापन समक्रमिक हो गया ।
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यह आश्चर्यजनक रूप से एक साहसिक कार्य था जिससे सनसनी फैल गयी । विजेता टीम को अपने समर्थकों से असीम रोमांचक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई । जबकि अन्य दर्शकों ने दोनों टीमें की खेल भावना एवं खेल प्रदर्शन की पूरी-पूरी प्रशंसा की । सचमुच यह एक रोमांचक मैच था जिसका दर्शकों ने पूरा मजा लूटा ।