संसार में समय को सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण एवं मूल्यवान धन माना गया है । अत: हमें इस मूल्यवान धन अर्थात् समय को व्यर्थ ही नष्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि बीता हुआ समय वापस नहीं लौट पाता । इसके विषय में एक कहावत प्रसिद्ध है: ”गया वक्त फिर हाथ आता नहीं, समय किसी की प्रतीक्षा करता नहीं ।”
समय का महत्व इस बात से भी स्पष्ट है कि यदि धन खो जाए तो पुन: कमाया जा सकता है । यदि स्वास्थ्य खो जाए तो उसको भी प्राप्त कर सकते हैं परन्तु समय यदि एक बार हाथ से निकल जाए तो पुन: लौट कर नहीं आ सकता । जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करते हैं वे ही जीवन में सफल होते हैं ।
समय के सदुपयोग की सबसे अच्छी विधि है: प्रत्येक कार्य को करने के लिए उसके अनुकूल समय तय करना तथा समय के अनुकूल कार्य को निर्धारित करना । आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है । आलसी मनुष्य कभी समय का सदुपयोग नहीं कर सकता । आलस्य उसकी उन्नति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बन जाता है । आलस्य के कारण वह समय के महत्त्व को नहीं समझ पाता ।
संसार में जितने भी महापुरुष व मेघावी व्यक्ति हुए हैं उन्होंने अपने समय का बुद्धिमत्तापूर्वक सदुपयोग किया है । नेपोलियन का उदाहरण हमारे सम्मुख है । केवल पांच मिनट की देरी से युद्ध-भूमि में पहुंचने के कारण वह पराजित हो गया तथा कैद कर लिया गया । अत: हमें अपने सभी कार्य समय पर ही करने चाहिएं ।
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आज का काम कल पर नहीं टालना चाहिए । समय के सदुपयोग से मनुष्य के विचार गम्भीर और पवित्र होते हैं । अत: हमारा कर्त्तव्य है कि हम समय का पूरा-पूरा और उचित लाभ उठायें । खेल के समय खेलें तथा पढ़ने के समय पढ़ें । समय के सदुपयोग से ही जीवन में सुख, शांति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य जीवन की ऊंचाइयों को छू लेता है ।