साम्यवादी चीन की विदेश नीति । “Foreign Policy of Communist China” in Hindi Language!
साम्यवादी चीन की विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य:
चीनी विदेश नीति के लक्ष्यों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:
(1) राष्ट्रीय हित या स्वार्थ,
(2) विश्वव्यापी क्रांति का दूरवर्ती लक्ष्य ।
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पीकिंग का राष्ट्रीय हित अपने देश के सभी पुराने प्रदेशों को साम्यवादी शासन के अंतर्गत लाना । दूसरा मौलिक राष्ट्रीय सुरक्षा का है । इस दृष्टि से साम्यवादी चीन एशिया से सभी पश्चिमी शक्तियों को निकालना चाहता है और जापान या भारत जैसे किसी अन्य एशियाई राष्ट्र को सुदृढ़ सैनिक शक्ति नहीं बनने देना चाहता । उत्तरी कोरिया तथा वियतनाम को अपने देश की रक्षा के लिए बहुत आवश्यक समझता है और यहाँ किसी शक्ति का अड्डा नहीं बनने देना चाहता ।
सक्षेप में, चीन की साम्यवादी सरकार ने अपनी विदेश नीति के निम्नांकित लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
(क) चीन की स्वतंत्रता और अखंडता की रक्षा करना ।
(ख) चीन को एक महाशक्ति, तीसरी बड़ी शक्ति के रूप में पुन: स्थापित करना ।
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(ग) एशिया में अपना प्रभुत्व स्थापित करना ।
(घ) एशिया और अफ्रीका में साम्यवादी जगत का नेतृत्व करना और साम्राज्यवादी शक्तियों, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका के विरुद्ध संघर्ष में साम्यवादी देशों का सहयोग करना ।
(ड) प्रवासी चीनियों के हितों, अधिकारों, परिवार और संपत्ति की रक्षा करना ।
(च) सोवियत संघ अथवा रूस के प्रभाव-क्षेत्र को काटना ।
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(छ) चीनी राष्ट्र की सैनिक शक्ति में वृद्धि करना ।