Read this article in Hindi language to learn about the seven main sources of consumer information. The sources are: 1. Mass Media 2. Self or Known Persons Experiences 3. Information from Label 4. Commercial Information 5. Consumer Protection Organisation 6. Voluntary Agencies 7. Extension Agencies.
उपभोक्ता को, उपभोक्ता शिक्षा कई सूचनाओं से भी प्राप्त होती है जिसके मुख्य साधन निम्न प्रकार हैं:
Source # 1. जनसंचार माध्यम (Mass Media):
‘जनसंचार माध्यम’ उसे कहते हैं जिसके द्वारा जनता के अधिक से अधिक भाग तक संदेश पहुँचाया जाता है ।
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इसके साधन हैं: टेलीविजन, रेडियो, छापी गई विभिन्न सामग्रियों जो कि निम्न प्रकार हैं:
(i)अखबारों में शहरा-देश के विभिन्न बाजारों में बिकने वाली वस्तुओं के मूल्य प्रकाशित होते हैं ।
(ii) मैगजीन व अखबार में कम्पनियों द्वारा छपवाये गये उत्पादों के विज्ञापनों से वस्तु की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ।
इन सभी सूचनाओं के द्वारा उपभोक्ता को विभिन्न वस्तुओं के मूल्य, गुणों, उपयोग की विधि आदि की तुलना करके सही व उचित निर्णय लेने में सहायता मिलती है । परिवार के बच्चे टेलीविजन पर दिखाये विज्ञापनों से अत्यधिक प्रभावित होते हैं तथा वे उन्हीं वस्तुओं को लेने की जिद करते हैं, जैसे: मैगी, चाकलेट आदि । आजकल गाँवों व शहर में रहने वाले अशिक्षित समुदाय भी टेलीविजन देखते हैं तथा उससे वे बाजार में बिकने वाली वस्तुओं की अधिकतम जानकारी प्राप्त करते हैं ।
Source # 2 स्वयं के व जान-पहचान वालों के अनुभव (Self or Known Persons Experiences):
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ऐसा देखा जाता है कि यदि हम एक वस्तु खरीदते हैं तथा उससे हमें अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त होती है तो दूसरी बार उसी चीज को खरीदने में हमें पल भर की भी देर नहीं लगती । इसके साथ ही हमारे जान-पहचान वाले लोगों द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं के बारे में सूचनाएँ भी आसानी से प्राप्त हो जाती हैं परन्तु ये सूचनायें उपयोगी तभी होंगी जब जानकारी शत-प्रतिशत सही हो क्योंकि न पहचान के लोग कभी-कभी वस्तु में होने वाली कमियाँ नहीं बताते ।
अत: उपभोक्ता के लिये उचित होगा कि वह स्वयं ही पूर्ण जानकारी प्राप्त करें ताकि वह उचित कीमत व गुणवत्ता वाली वस्तु का चयन कर सकें ।
Source # 3. लेबल द्वारा सूचना (Information from Label):
आजकल बाजार में बिकने वाली अधिकांश वस्तुओं पर लेबल लगा होता है जिसके द्वारा हमें निम्न सूचनायें प्राप्त होती है:
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अत: लेबल से वस्तु के बारे में पूर्ण सूचना प्राप्त होती है जिससे लेबल उपभोक्ता को खरीददारी में सहायता करता है ।
Source # 4. व्यावसायिक सूचनाएँ (Commercial Information):
कुछ व्यापारी/उत्पादक अपने उत्पादक की व्यापारिक सूचना पैम्पलेट/पर्चे/पुस्तिकाएँ आदि छपवाकर उपभोक्ता तक पहुँचाने का कार्य करते हैं । इनमें उत्पादक के मूल्य, गुणवत्ता, प्रयोग विधि व गारण्टी आदि की जानकारी दी जाती है । कई व्यापारिक संगठन अपने उत्पादों के बारे में तकनीकी तथ्यों के आधार पर पुस्तिकाएं/पर्चे छपवाकर वितरित करते हैं ।
Source # 5. उपभोक्ता संरक्षण संगठन (Consumer Protection Organisation):
देश के अनेक शहरों में उपभोक्ता संरक्षण केन्द्र भी स्थापित हैं: जिनका मुख्य ध्येय उपभोक्ताओं को धोखा देने वाले विक्रेताओं उत्पादकर्ताओं का नाम उजागर करना है । इसका उदाहरण है; ‘Consumer Guidance Society’ । यह संगठन उपभोक्ता को खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावटों के बारे में बताते हैं तथा उनकी जाँच करने के आसान तरीकों की जानकारी भी देते हैं ।
Source # 6. स्वयंसेवी संस्थाएँ (Voluntary Agencies):
ये संस्थामें उपभोक्ताओं को उनके कर्तव्यों व अधिकारों के बारे में जानकारी देकर महत्वपूर्ण कार्य करते हैं ।
Source # 7. प्रसार संस्थाएँ (Extension Agencies):
इन संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य है: देश के दूरदराज ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों में जानकारी का प्रसार करना: स्वास्थ्य, शिशु के लालन-पालन के तरीके, पौष्टिक भोजन का ज्ञान आदि । भारत सरकार के विभिन्न विभाग-स्वास्थ्य, खाद्य, कृषि व समाज कल्याण की प्रसार संस्थाएँ कार्यरत हैं ।
उपरोक्त दिये गये सभी बिन्दुओं से उपभोक्ता को खरीददारी करने में सहायता प्राप्त होगी, परन्तु इसके साथ-साथ उपभोक्ता को किसी वस्तु को खरीदते समय अपनी आर्थिक क्षमता व आवश्यकता को भी देखना चाहिए ।
आजकल बाजार में रेडी टू कुक (Ready to Cook) व्यंजन भी उपलब्ध हैं, परन्तु ये महंगे होते हैं । घरेलू महिलाएँ ये सभी व्यंजन घर पर कम कीमत में आसानी से बना सकती हैं परन्तु नौकरीपेशा महिलाओं के लिये रेडी टू कुक व्यंजन ही अत्यन्त सुविधाजनक होंगे ।