Read this paragraph in Hindi language to learn about meaning of shares and debentures.
शेयर्स (Shares):
बड़े उद्योग व निजी कम्पनियाँ अपने विकास के लिये अपने शेयर जनता को बेचते हैं । यदि कोई व्यक्ति किसी कम्पनी का शेयर खरीदता है तो आप उस कम्पनी के आंशिक हिस्सेदार बन जाते हैं ।
अत: हिस्सेदार होने के कारण कम्पनी में होने वाले लाभ व हानि दोनों का ही हिस्सेदार वह व्यक्ति होता है जो शेयर खरीदता है । एक शेयर 10 रु. से 100 रु. तक का होता है । आमतौर पर एक निर्धारित संख्या में शेयर जारी किये जाते हैं ।
शेयर खरीदते समय अच्छी व स्थायी कम्पनियों के बारे में पता लगाकर ही शेयर खरीदना चाहिये । शेयर बेचते समय भी शेयर मार्केट का रुख देखकर शेयर बेचना चाहिये । इस प्रकार धनराशि के निवेश करने से बड़ा लाभ यह होता है कि कभी-कभी अत्यन्त जल्दी काफी बड़ा लाभ प्राप्त हो जाता है ।
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परन्तु हर समय ऐसा नहीं होता । शेयर होल्डर को बाजार की गतिविधियों पर ध्यान रखना पड़ता है । सैनसैंक्स समाचार देखकर ज्ञात हो जाता है कि किस शेयर की कीमत बड़ी व किसकी कम हुई, जब भी सैनसैंक्स नीचे स्तर पर होता है तभी शेयर में हानि की सम्भावना रहती है ।
डिबैन्चर (Debenture):
इसे बॉण्ड भी कहते हैं । जब भी कोई व्यक्ति, किसी कम्पनी का डिबैन्चर खरीदता है, तो इससे तात्पर्य है कि वह उस कम्पनी को अपना पैसा ऋण के रूप में दे देता है । डिबैन्चर एक निश्चित अवधि तक रहता है तथा उसके परिपक्व होने पर निवेश की हुई धनराशि ब्याज के साथ वापस निश्चित अवधि पर प्राप्त हो जाती है ।
यदि हम शेयर व डिबैन्चर के निवेश की तुलना करें तो डिबैन्चर में पैसा लगाना अधिक सुरक्षित रहता है । इसमें परिपक्व होने पर पैसा ब्याज सहित मिल जाता है, चाहे कम्पनी को घाटा हो या लाभ ।