Read this article to learn about the concept of pressure area in Hindi language.
हृदय स्थल की मूल संकल्पना के अनेक प्रकारान्तर प्रस्तुत हुए हैं । इनमे सबसे पुरानी फेयरग्रीव की 1915 में प्रकाशित पुस्तक जिओग्राफी एण्ड वर्ल्ड पावर पुस्तक में प्रस्तुत दबाव क्षेत्र (क्रशजोन) संकल्पना है ।
इसको कोहेन (1964,1990) की तोड़ पेटी (शैट्टरबेल्ट) संकल्पना के माध्यम से नया जीवन मिला है । फेयरग्रीव ने यूरोप, एशिया और अफ्रीका के सम्मिलित भूखण्ड को तीन पट्टियों में बंटे होने की कल्पना स्वीकार की । हृदय स्थल, तथा उपान्तीय और समुद्रतटीय पेटी के बीच स्थिति तीसरी पट्टी ही उसकी संकल्पना का दबाव क्षेत्र है ।
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इसको दबाव क्षेत्र की संज्ञा इसलिए दी गई क्योंकि यह उत्तर में हृदय स्थल तथा दक्षिण में सामुद्रिक शक्तियों के परस्पर प्रतिस्पर्धाद्यी विस्तार अभियान में निरन्तर उबाव अनुभव करता रहता है, तथा इतिहास में लम्बे अरसे से यह स्थलीय और सामुद्रिक शक्तियों के बीच होते आ रहे शक्ति परीक्षण में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है ।
इस पट्टी में जर्मनी की स्थिति से लेखक विशेष रूप से प्रभावित था । उसके शब्दों में एक ओर समुद्र से जुड़ा होने के कारण जर्मनी एक सामुद्रिक शक्ति है तो दूसरी ओर हृदय स्थल के सर्वाधिक घनी जनसंख्या वाले प्रदेश की पश्चिमी सीमा के पास उसकी भौगोलिक स्थिति उसे हृदय स्थल में प्रवेश कर उसके विकास का अवसर प्रदान करती है ।
फेयरग्रीव ने ब्रिटेन को जर्मनी की इस स्थिति से उत्पन्न सम्भावनाओं के प्रति सचेत किया और सुझाव दिया कि उस को जर्मनी तथा रूस के बीच मैत्री सम्बन्ध की रम्भावनाओं के प्रति सर्वदा जागरूक रहना चाहिए और इस सम्भावना को रोकने की दिशा में सक्रिय प्रयास करने चाहिए (देखिए चित्र संख्या 7.4) ।