गणतंत्र-दिवस । Article on Republic Day in Hindi Language!
शताब्दियों की परतंत्रता के उपरान्त भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ । स्वतंत्र होने पर देश के कर्णधारों ने भारत के नवीन संविधान को लागू किया । तभी से भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति कहलाया । भारत का नवीन संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया और यह दिन भारत का गणतन्त्र-दिवस कहलाया ।
भारत इस संविधान के अनुसार गणराज्य धोषित किया गया और तभी से 26 जनवरी का दिन प्रतिवर्ष गणतन्त्र-दिवस के रूप में सारे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा । 26 जनवरी की तिथि का स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अपना विशेष महत्त्व है ।
सन् 1930 में रावी नदी के तट पर कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वर्गीय पं॰ जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की । 26 जनवरी, 1930 को उन्होंने प्रतिज्ञा की कि ”जब तक हम पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त न कर लेंगे तब तक हमारा स्वतंत्रता आंदोलन चलता रहेगा और इसे प्राप्त करने के लिए हम अपने प्राणों की आहुति दे देंगे ।”
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इसी कारण 26 जनवरी का दिन ही भारत के गणतन्त्र की घोषणा के लिए चुना गया । 26 जनवरी, 1950 को भारत पूर्णरूपेण गणतन्त्र राज्य घोषित कर दिया गया । इसी दिन हम पूर्ण रूप से स्वाधीन हो गए । उस दिन लार्ड माउण्टबेटन (गवर्नर जनरल) के स्थान पर डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद हमारे राष्ट्र के प्रथम राष्ट्रपति बने ।
आज भी यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । इस दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रेपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है । विजय चौक पर राष्ट्रपति जी जल, थल एवं वायु सेना की सलामी लेते हैं । तीनों सेनाओं की टुकड़ियां मार्च करती हुई लाल किले तक पहुंचती हैं ।
अनेक प्रांतों से आए लोक-नर्त्तक अपनी-अपनी वेशभूषा में अपने-अपने लोक-नृत्य प्रदर्शन तथा विभिन्न प्रकार की झांकियों से अपनी प्राचीन संस्कृति व प्रगति का परिचय देते हैं । 26 जनवरी की सायं को आतिशबाजी छोड़ी जाती है तथा रात्रि के समय सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है ।
देश के सभी गांवों, नगरों, स्कूलों व कॉलेजों में सभाएं की जाती हैं । इन सभाओं में देश की एकता, अखण्डता व स्वतन्त्रता को बनाए रखने की प्रतिज्ञा की जाती है । इस प्रकार 26 जनवरी, 1950 को देश में अपना संविधान, अपना राष्ट्रपति, अपनी सरकार तथा अपना राष्ट्रीय ध्वज हो जाने पर भारतवर्ष संसार का सबसे बड़ा गणतन्त्र राष्ट्र बन गया ।