उमड़ती हुई नदी पर अनुच्छेद । Article on the River in Hindi Language!
वर्षा काल में भारत की सभी नदियों में जलस्तर बढ़ जाता है । कुछ नदियों में तो इतना जल प्रवाह हो जाता है कि वह विध्वंस उत्पन्न कर देती है । पिछले अगस्त माह में मैं अपने चाचा को मिलने गया । वह व्यास नदी के किनारे एक गाँव ‘धिलवान’ में रहते हैं ।
उस माह में वहाँ लगातार वर्षा होती रही । एक बार तो लगातार 36 घंटे मूसलाधार वर्षा हुई । ग्रामवासी लगातार वर्षा से घबरा गये । एक रोज जब मैं सुबह उठा तो मुझे लोगों के चीखने की आवाजे सुनाई पड़ी । लोग सहायता के लिये पुकार रहे थे । उसी समय यह पता चला कि धलवान गाँव के निकट व्यास नदी पर बना पुल वर्षा के कारण टूट गया है ।
लोगों की चीख-पुकार के मध्य एक किसान ने आ कर बताया कि व्यास नदी का पानी गडुगड़ाता हुआ गाँव की ओर बढ़ा आ रहा है । शीघ्र ही मैंने गलियों एवं घरों को उसमें डूबते हुये देखा । जल के तेज प्रवाह ने अपने अन्दर सभी पशुओं-गाय भैंसों कुत्तों एवं बकरियों को समा लिया । कितने ही पेड जड़ से उखड़ कर तेज बहाव में बह गये । दो घंटों के अन्दर बाढ़ का पानी घरों में घुस आया ।
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हम घर की छतों पर चढ़ गये । मैंने घर की छत से देखा कि गाँव बहुत दयनीय स्थिति में था । बहुत से घर टूट गये थे । मिट्टी कीचड़ से बनी कच्ची दीवारें भी तेज पानी के बहाव में बह गयीं । पूरा गाँव पानी में डूब चुका था ऐसा लग रहा था मानों गाँव नहीं यह समृद्ध के मध्य कोई टापू हो । चारों ओर पानी ही पानी दिखाई पड़ता था ।
बाढ़ ने गाँव को बहुत नुकसान पहुँचाया था । घर मवेशी खेत-खलिहान सभी पानी में डूब गये थे । बहुत से घर हराकर गिर गये थे एवं झोपड़ियों बह गयी थी । लोग नीड़-विहीन हो गये थे । भारतीय नौसेना ने बाढ़ पीड़ित लोगों के बचाव के लिये प्रबन्ध कर दिये थे । इन बचाव नौकाओं ने बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता की ।
बहुत सी समाज सेवी संस्थाओं एवं सरकार द्वारा खाने-पीने के पदार्थ, कपडें एवं अन्य सामान उपलब्ध कराये गये । लोग बाढ़ से पुरी तरह प्रभावित थे । जान एवं माल की हानि करोड़ों में की गयी । गाँव के कुछ बड़े बुर्जुग कहते हैं कि उन्होने अपने जीवन में इससे बुरी बाढ़ नहीं देखी । जीवन सम्पत्ति एव पशु धन की इतनी हानि पहले कभी बाढ़ द्वारा नहीं हुई । बाढ़ के कई उत्तर प्रभाव और भी नुकसान देह थे । गाँव में बाढ़ के कारण कई महामारियाँ फैल गयी ।