Read this article in Hindi to learn about public awareness about environment.
चूँकि पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधन तेजी से घट रहे हैं और मानव के कार्यकलापों के कारण हमारे पर्यावरण का अधिकाधिक ह्रास हो रहा है, इसलिए जाहिर है कि कुछ तो करना ही होगा । अकसर हम सोचते हैं कि यह सब ऐसे काम हैं जो सरकार को करने चाहिए । लेकिन अगर हम अपने पर्यावरण के लिए खतरे पैदा करते रहे तो सवाल ही पैदा नहीं होता कि सरकार सफाई के ये सारे कार्य कर सके । पर्यावरण के ह्रास की रोकथाम हम सबके जीवन का अंग होना चाहिए ।
जिस तरह किसी भी रोग का इलाज से बेहतर विकल्प उसकी रोकथाम होती है, ठीक उसी तरह पर्यावरण को हानि पहुँचने के बाद उसकी भरपाई करने की तुलना में पर्यावरण का संरक्षण आर्थिक दृष्टि से अधिक व्यावहारिक है । पर्यावरण के प्रबंध में हम व्यक्ति-रूप में अहम् भूमिका निभा सकते हैं । हम प्राकृतिक संसाधनों की बरबादी रोक सकते हैं और ऐसे प्रहरियों का काम कर सकते हैं जो पर्यावरण के प्रदूषण और ह्रास के स्रोतों की जानकारी सरकार को दें ।
यह केवल जन-जागरूकता के द्वारा ही संभव है । समाचारपत्रों, रेडियो और टेलीविजन जैसे जनसंचार माध्यम जनमत पर ज़ोरदार प्रभाव डालते हैं । पर किसी न किसी को इसका बीड़ा उठाना होगा । अगर हममें से हर कोई पर्यावरण के बारे में संवेदनशील रहे तो प्रेस और संचार माध्यम हमारे प्रयासों को और धारदार बनाएँगे । लोकतंत्र में राजनीतिज्ञ जनता के जबरदस्त समर्थन वाले आंदोलन पर हमेशा सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाते हैं ।
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इसलिए अगर आप संरक्षण के समर्थक किसी गैर-सरकारी संगठन का साथ दें तो हो सकता है कि आप राजनीतिज्ञों को हरित नीतियों के निर्माण के लिए प्रभावित कर सकें । हम पृथ्वी नामक अंतरिक्ष यान में रह रहे हैं जिसके पास संसाधनों की आपूर्ति सीमित है । हममें से हर एक पर अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुँचाने की जिम्मेदारी है ।
छात्रों के लिए आगे के कार्यकलाप संबंधी सुझाव:
i. प्रकृति के अध्ययन के लिए डब्ल्यू डब्ल्यू एफ-आई (WWF-I) बी एन एच एस (BNHS) या किसी और पर्यावरण संरक्षण समूह में शामिल हो जाएँ ।
ii. डाउन टू अर्थ, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ-आई न्यूजलेटर, बी एन एच एस, हार्नबिल, सैंक्चुअरी आदि पत्र-पत्रिकाओं के लेखों को पढ़ना शुरू कर दें । ये आपको आज के पर्यावरण संबंधी प्रश्नों पर और अधिक जानकारी देंगे । पर्यावरण से संबंधित अनेक वेबसाइटें भी हैं ।
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iii. मित्रों और संबंधियों के साथ विचार-विमर्श के दौरान पर्यावरण के ध्येय को लेकर संसाधनों के संरक्षण का प्रचार करें । कागज़ बचाने, जल बचाने, प्लास्टिक का उपयोग कम करने, ‘कमी, पुनरूपयोग, पुनर्चालन’ (Reduce, Reuse, Recycle) के सिद्धांतों पर अमल करने और कचरे का सही-सही निबटारा करने जैसे मुद्दों पर काम करें और उनका प्रचार करें ।
iv. अपने क्षेत्र में पेड़ों के बचाव जैसे कार्यों को समर्थन देने वाले स्थानीय आंदोलनों में शामिल हों, प्रकृति का आनंद लेने निकलें, व्यर्थ पदार्थों का पुनर्चालन करें, पर्यावरण-स्नेही वस्तुएँ खेरीदें ।
v. अच्छी नागरिक-भावना और सफाई का व्यवहार-प्रचार करें, जैसे इधर-उधर न थूकना, तंबाकू की जुगाली न करना, सड़क पर कचरा न फेंकना, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, मल-मूत्र का त्याग न करना ।
vi. विश्व पर्यावरण दिवस पर, वन्यजीवन सप्ताह आदि में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लें ।
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vii. किसी राष्ट्रिय पार्क या अभयारण्य में घूमने जाएँ या आपके घर के पास जो भी प्राकृतिक आवास हों उसमें कुछ समय गुजारें ।