Read this article in Hindi language to learn about the process of dry cleaning of clothes.
इस विधि में साबुन तथा पानी का प्रयोग नहीं किया जाता अत: इसे ‘सूखी बुलाई’ या ‘ड्राईक्लीनिंग’ कहते हैं । मशीन के बुने ऊनी वस्त्र, रेशमी वस्त्र या अधिक कीमती सूती वस्त्रों को सूखी धुलाई से साफ किया जाता है । साबुन से इन कपड़ों की चमक, बुनाई, कोमलता समाप्त हो जाती है ।
यह अत्यन्त खर्चीली विधि है परन्तु इसमें कपड़े खराब नहीं हो पाते । इस विधि में पेट्रोल, मेथेलेटेड स्प्रिट, कार्बन-टेट्राक्लोराइड आदि का प्रयोग किया जाता है । पेट्रोल इन सबसे सस्ता पड़ता है । अधिक गन्दे कपड़ों को साफ करने के लिए पेट्रोल में थोड़ा अमोनिया या बेंजीन मिलाकर धोने से वस्त्र अधिक साफ होते हैं ।
शुष्क धुलाई का अर्थ यह नहीं कि यह गीली विधि नहीं है । अन्य धुलाइयों से अन्तर केवल इतना है इसमें जल के स्थान पर पेट्रोल तथा अन्य वसा विलायकों का प्रयोग होता है । साबुन तथा जल का प्रयोग करने से उनका प्रभाव वस्त्र के रेशों पर भी पड़ता है जबकि शुष्क धुलाई में प्रयुक्त होने वाले रसायनों का प्रभाव केवल मैल पर पड़ता है ।
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शुष्क धुलाई निम्नलिखित विधियों से की जाती है:
वसा अवशोषक द्वारा:
सर्वप्रथम इस्तरी मेज पर स्याही सोख कागज रखकर उस पर वस्त्र के गन्दे भाग को बिछाएँ । अब किसी भी अवशोषक पाउडर (फ्रेंच चॉक का चूर्ण, टेलकम पाउडर, चोकर या सल्फर का चूर्ण) को गन्दे स्थान पर छिड़ककर लगभग आधे घण्टे तक यों ही छोड़ दें, जिससे पाउडर, चिकनाई के साथ-साथ गन्दगी को भी सोख लेगा । फिर किसी ब्रुश से उस स्थान के पाउडर को झाड़ दें । इसी प्रकार वस्त्र के सभी गन्दे भाग, गन्दे धब्बे साफ करें ।
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दोहरे प्रभाव के लिए अवशोषक पाउडर को किसी वसा विलेयक में मिलाकर पेस्ट बना लें व लगाएँ । (पेट्रोल में किसी पाउडर को मिलाकर पेस्ट) तथा ऊपर वाली प्रक्रिया दोहरायें । वस्त्र को खुली हवा में लटकाकर छोड़ दें जब तक कि पेट्रोल की गन्ध पूरी तरह निकल न जाये ।
वसा विलायक पेट्रोल द्वारा:
(1) वस्त्र को पूर्णतया पेट्रोल में डुबोकर ।
(2) केवल गन्दे भागों को पेट्रोल में स्पंज करके ।
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(1) वस्त्र को पूर्णतया पेट्रोल में डूबोकर:
यह विधि महंगी है, क्योंकि इसमें पेट्रोल अधिक खर्च होता है । इसके लिए एक चौड़े मुँह को बेलनाकार ड्रम, जिसमें नीचे की ओर एक नल लगा होता है । ड्रम के ढक्कन पर एक छेद होता है जिसमें सक्शन वॉशर होता है ।
सक्शन वॉशर की लकड़ी द्वारा पेट्रोल के आधे भरे ड्रम में वस्त्र को धीरे-धीरे दबाते हैं, जिससे वस्त्र की सारी गन्दगी पेट्रोल में घुल जाती है । ड्रम का पेट्रोल नल द्वारा निकाल दिया जाता है । इसे छानकर दुबारा काम में लाया जा सकता है ।
(2) पेट्रोल से स्पंज करके साफ करने की विधि:
यह अपेक्षाकृत कम खर्चीली विधि है, क्योंकि इसमें पूरा वस्त्र पेट्रोल में नहीं डुबोया जाता है । इसमें रुई या स्पंज के टुकड़े को पेट्रोल में भिगोकर, गन्दे भाग पर बाहर से भीतर की ओर चक्राकार गति में पेट्रोल लगायें ।
पेट्रोल वस्त्र की गन्दगी को घोलेगा, जो नीचे स्याही सोख कागज द्वारा सोख ली जायेगी । पेट्रोल अच्छी तरह हटाने के लिए धब्बे पर ठण्डी इस्तरी रखकर दबाइये ताकि स्याही सोख कागज पेट्रोल सोख सके ।
सूखी धुलाई से लाभ:
i. वस्त्र सिकुड़कर छोटे नहीं होते हैं ।
ii. आकार तथा रंग खराब नहीं होता है ।
iii. कच्चा रंग फैलता नहीं है । जरी, सलमे-सितारे व कामदार वस्त्रों की चमक बनी रहती है ।
iv. वस्त्र कमजोर नहीं होते हैं ।
v. इससे वस्त्रों के रोयें खराब नहीं होते हैं ।
सावधानियाँ:
रेशमी साड़ी या महीन कपड़ों को ब्रुश से नहीं धोना चाहिए ।
i. वस्त्रों को धोते समय पास में आग या लैम्प न रखें इससे आग लगने का डर रहता है ।
ii. वस्त्रों को धूप में न सुखाएं ।
iii. सुरक्षा के लिए पानी व बालू अवश्य रखिये ।
iv. धुलाई के बाद हाथ अच्छी तरह साबुन से धोइये ।