Read this article in Hindi language to learn about the importance of washing clothes.
वस्त्र धोना भी एक कला है । आज के युग में प्रत्येक गृहिणी को इस कला का ज्ञान होना चाहिए । सभी वस्त्रों को एक ही प्रकार से धोने पर उनकी सुन्दरता व टिकाऊपन समाप्त हो जाती है ।
कुछ वस्त्र कठोर तन्तु के बने होते हैं; जैसे-सूती तथा कुछ कोमल तन्तु के बने होते हैं; जैसे: रेशमी व ऊनी । इनको धोते समय भिन्न-भिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है ताकि उनका रंग व बनावट ठीक रहे तथा वे सुन्दर दिखें ।
सफाई (Clearence):
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हम जिन-जिन वस्त्रों का प्रयोग करते हैं उनमें हमारे शरीर की गन्दगी पसीने के रूप में जमा हो जाती है । इसके साथ-साथ दूषित वातावरण के सम्पर्क में भी ये कपड़े गन्दे हो जाते हैं । अत: वस्त्रों की नियमित रूप से सफाई करना आवश्यक होता है ।
दुर्गन्ध दूर करना (Deodorize):
कपडों का प्रतिदिन उपयोग करने से उसमें दुर्गन्ध आ जाती है जिसको दूर करने के लिए धुलाई आवश्यक होती है ।
कपड़ों की सुन्दरता (Beauty of Clothes):
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कपड़ों को नियमित रूप से धोने पर उनकी सुन्दरता व आकर्षण बना रहता है ।
कपड़ों की सुरक्षा (Cloth Protection):
गन्दे कपड़ों को संगृहीत करने से उन पर कीड़े, फफूँद व जीवाणु लग जाते हैं तथा कपड़े खराब हो जाते हैं । अत: कपड़ों को संगृहीत करने से पहले उन्हें अच्छी तरह धो लेना चाहिए इससे उनकी सुरक्षा अधिक हो जाती है ।
स्वास्थ्यदायक (Healthy):
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गन्दे कपड़ों से रोग के कीटाणु पनपते हैं जिनका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है । अत: साफ-सुथरे कपड़े न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम होते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक होते हैं ।
व्यक्तित्व में निखार (Personality Development):
वस्त्र हमारी देह को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उसके सौन्दर्य वृद्धि में सबसे बढ्कर हैं । अत: साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने से हमारे व्यक्तित्व में निखार आ जाता है ।
बचत (Saving):
धुलाई नियमित रूप से करने पर वस्त्र की सुरक्षा व आयु बढ़ जाती है । गन्दे कपड़े जल्दी खराब हो जाते हैं व फट जाते है । अत: नियमित धुलाई से निश्चय ही बचत होती है । कभी-कभी महँगे वस्त्रों पर ड्राइ क्लीनिंग करनी पड़ती है जिसे टालना नहीं चाहिए ।