Read this article in Hindi language to learn about the five major types of food adulteration.
i. भोज्य पदार्थों में बाहरी पदार्थों से की जाने वाली मिलावट (Addition of Foreign matter in food material); जैसे: अनाजों, दालों, तेल युक्त बीजों, साबुत मसालों का भार बढ़ाने के लिए उसमें कंकड़, बालू आदि मिलाया जात है: तथा अनाज के मूल्य पर कंकड़ व पत्थरों को बेचा जाता है ।
ii. दूध में सर्वाधिक मिलावट की जाती है; जैसे-दूध में गंदा पानी मिलाना, दूध से वसा कम कर देना, अरारोट या पाउडर मिल्क मिलाना । आजकल यूरिया से बने सिंथेटिक दूध (Synthetic milk) का अत्यधिक प्रचलन है ।
iii. कीमती भोज्य पदार्थों में निम्न स्तर के पदार्थों की मिलावट-अच्छे बादाम में कड़वे बादाम की मिलावट, शुद्ध देशी घी में वनस्पति घी या चर्बी की मिलावट, अनाज में कीड़े लगे अनाज मिलाना, उपयोग मैं लायी गयी चाय की पत्ती को अच्छी चाय की पत्ती में मिलाना ।
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iv. भोज्य पदार्थों से मूल्यवान पदार्थों को निकालना-दूध से मक्खन, गर्म मसालों से सत आदि ।
v. निषेध (Prohibited) रंग व संरक्षक पदार्थों (Preservatives) का खुलकर भोज्य पदार्थों के उत्पादन में उपयोग करना । नस प्रकार की मिलावट अधिकांशत: मिठाइयों, मिर्च-मसालों, साँस आदि में की जाती है ।
भोज्य पदार्थ में मिलावट के लिए लोग उत्तरदायी होते हैं (Persons Responsible for Food Adulteration):
भोज्य पदार्थों में मिलावट के लिए थोक एवं फुटकर व्यापारी उत्तरदायी हैं । कभी-कभी निर्माता के द्वारा भी भोज्य पदा थो में मिलावट की जाती है । भोज्य पदार्थों में की जाने वाली मिलावट का प्रभाव अधिकांशत: गरीब जनता पर ही पड़ता है ।
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